दौलत पाय न कीजिये, सपने में अभिमान' - गिरिधर द्वारा रचित इस पंक्ति के भाव को तर्क सहित सिद्ध कीजिये।
Answers
Answered by
1
Answer: yyg
Explanation:
Answered by
0
दिए गए उक्ति के भाव को सिद्ध कीजिए |
Explanation:
इस पंक्ति का अर्थ यह हैं की, हमें कभी भी आगत यानी आने वाले धन के ऊपर भरोषा करके कोई भी काम नहीं करना चाहिए | अगर हम ऐसा करते हैं तो, हमें अपने जीवन में कई सारे असुविधायों का सामने करना पड़ेगा | क्योंकि जो चीज़ हमारे पास है ही नहीं, उस पर हम कैसे किसी प्रकार का विश्वास कर सकते हैं |
फिर पंक्ति के दूसरे हिस्से में कहा जा रहा हैं की, जैसे सपने में अभिमान करना जितना घातक है ; उतना ही घातक है किसी भी संपत्ति के ऊपर अभिमान करना जो की अब तक हमारे पास मौजूद ही नहीं हैं | सपने में तो आप अपने को काफी कुछ करते हुए देख सकते हैं, परंतु हकीकत में यह बात बिलकुल भी सत्य नहीं हैं |
Similar questions