Hindi, asked by neelam9312552846, 7 hours ago

दो मित्रों के बीच प्राकृतिक असंतुलन पर संवाद​

Answers

Answered by chaitanya6786
0

Answer:

राजेश: राम तुम कैसे हो?

राम: मैं ठीक हूँ। तुम कैसे हो?

राजेश: मैं भी ठीक हूँ।

(राम: खांसते हुए...) आजकल प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। जिसके चलते पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है।

राजेश: हां राम तुम सही कह रहे हो।

राम: राजेश पर्यावरण का नुकसान की शुरुआत हम इंसानों ने ही कि है और इसे हमें ही सुधारना चाहिए।

राजेश: हां राम तुम सही कह रहे हो। मेरे दादा दादी बताते थे कि उनके ज़माने में इतना प्रदूषण नहीं हुआ करता था। जिससे पर्यावरण इतना प्रदूषित हो। और तब कोई बीमार भी नहीं पड़ता था।

राम: हां राजेश मेरे दादा दादी भी यह बताते थे। हमें कहीं में गंदगी नहीं फैलाना चाहिए जिससे कि पर्यावरण प्रदूषित हो और उसे कुछ नुकसान पहुंचे।

राजेश: हां राम तुम सही कह रहे हो। अगर हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएंगे तो इससे हमें कोई फायदा भी नहीं होगा क्योंकि इससे उल्टा हमें ही नुकसान होगा।

राम: पर क्या फायदा, हम इंसान कभी नहीं सुधर पाएंगे। यहां जाओ वहां जाओ कहीं भी जाओ पर हर जगह गंदगी तो पक्का दिखेगी।

राजेश: हां राम तुम सही कह रहे हो। पर हम इसे सुधार ना ही होगा। तो क्यों ना हम पर्यावरण को बचाने के लिए सफाई की शुरुआत अपने घर से करनी होगी। तभी तो हम बाहर भी स्वच्छता बनाए रख सकेंगे।

राम: हां राजेश क्यों ना आज से ही इसे शुरू कर दिया जाए।

राजेश: हां राम क्यों नहीं। इस नेक काम मैं देरी किस बात की।

राम: तो चले घर।

(फिर राम और राजेश अपने घर की सफाई शुरू करते हैं। और इन कामों में इनकी माँ कितनी खुश भी हो गईं होंगी।)

Hope this will help you...

Explanation:

Pls mark as brainliest

Similar questions