दो मित्रों के बीच त्योहार के संबंध में संवाद लिखें।
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Answer:
राहुल - (दो मित्र बाजार मे मिले) अरे सुनो करन
करन - अरे राहुल तुम यहाँ
राहुल - हा, दिवाली कि खरीदारी करने आया था ,तुम क्या कर कहे हो यहाँ।
करन - भाई मैं भी खरीदारी हि करने आया हूँ
राहुल - अच्छा
करन - क्या क्या लिया तुमने
राहुल मैंने तो बहुत सामान लिया है बहन ने रंगोली लाने को कहा था तो वो ले लिया और माँ ने घर के सजावट के लिए सामान मङवया था तो वो लिया और मैंने अपने लिए कपड़े लिए और पटाखे ।
करन - अच्छा
राहुल - तुम बताओ तुमने क्या लिया ।
करन - मैंने ज्यादा कुछ नहीं लिया क्योकि माँ और बहन आएँगी सारा सामान ले लेंगी मैं तो बस घूमने आया था और कुछ पटाखे लिए दिए लिए मोमबत्ती भी लिया और अपने लिए कपड़े ।
राहुल - अच्छा , चलो फिर ठीक है ले लो जो लेना है मेरा तो हो गया
करन - हा थी है, चलो चलता हूँ मैं मुझे अभी लेनहै सामान ।
राहुल - ठीक है ।
करन - हम्म बाई ।
राहुल - बाई।
Explanation:
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प्रश्न :-
दो मित्रों के बीच त्योहार के संबंध में संवाद लिखें।
उत्तर :-
(शारदा और रशीदा दोनों सहेलियाँ हैं। वे एक ही पाठशाला में पढ़ती हैं। दशहरे की छुट्टियों के बाद मिलती हैं। बातचीत करती हुई चलती है।)
रशीदा : कैसी हो शारदा ?
शारदा : मैं ठीक हूँ। तुम कैसी हो ?
रशीदा : मैं भी ठीक हूँ। तुमने दशहरा कैसे मनाया ?
शारदा : बहुत अच्छी तरह।
रशीदा : दशहरा त्यौहार कहाँ-कहाँ मनाया जाता है ?
शारदा : दशहरा त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है। इन दिनों जगह-जगह पर गौरी पूजा की जाती है।
रशीदा : तेलंगाणा राज्य में गौरी पूजा किस त्यौहार के रूप में मनाते हैं ?
शारदा : हमारे तेलंगाणा राज्य में गौरी पूजा के रूप में बतुकम्मा त्यौहार मनाते हैं।
रशीदा : हाँ, मुझे पता है। हमारे पड़ोस में भी बतुकम्मा खेलते हैं। तरह-तरह के फूलों से सजी बतुकम्मा सुंदर लगती है।
शारदा : सही कहा तुमने। महिलाएं और लड़कियाँ सामूहिक रूप से गीत गाती हुई बतुकम्मा के चारों ओर घूमती हैं। बतुकम्मा को गौरी माँ का रूप मानती हैं।
रशीदा : एक बार बतुकम्मा की दो पंक्तियाँ गाकर सुनाओ न!
शारदा : हाँ हाँ क्यों नहीं ! लो सुनो-
बतुकम्मा बतुकम्मा उय्यालो, बंगारु गौरम्मा उय्यालो।
मा ऊरू कोच्चिंदी उय्यालो, मा इंटिकोच्चिंदी उय्यालो।।
रशीदा : वाह! बहुत अच्छा गीत है।
शारदा : बतुकम्मा जैसे लोक उत्सव देश की शोभा बढ़ाते हैं।
रशीदा : हाँ शारदा... तुम ठीक कहती हो।
अच्छा मैं चलती हूँ।
ध्यान दें :-
यहाँ मैंने हमारे राज्य उत्सव बतुकम्मा के बारे में लिखा है।