दो मित्र और रीछ कहानी
Answers
Answer:
पंचतंत्र की कहानी: भालू और दो मित्र (Panchtantra Ki Kahani: Bear And Two Friends)
दो दोस्त एक घने जंगल से होकर कहीं जा रहे थे. दोनों काफ़ी गहरे दोस्त थे और अपनी दोस्ती को लेकर दोनों ही बातें करते हुए जा रहे थे. जंगल बहुत ही घना था, तो उनमें से एक दोस्त (friend) डर रहा था, लेकिन उसके साथी मित्र ने कहा कि मेरे होते हुए तुम्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं. मैं तुम्हारा सच्चा और अच्छा मित्र हूं. इतने में ही सामने से ही बहुत ही बड़ा भालू (bear) उन्हें नज़र आया. जो दोस्त कह रहा था कि मैं अच्छा मित्र हूं, वो भालू को देखते ही भाग खड़ा हुआ. दूसरा मित्र कहता रहा कि मुझे छोड़कर मत भागो, लेकिन वो भागते हुए एक पेड़ पर चढ़ गया.
यह देख उसका मित्र और भी डर गया, क्योंकि वो पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था. इतने में वो भालू और भी नज़दीक आ गया था. जब वो बेहद क़रीब आने लगा, तो दूसरे मित्र के पास कोई चारा नहीं रहा और वो वहीं नीचे ज़मीन पर आंखें बंद करके लेट गया. पेड़ पर चढ़ा मित्र यह सारा नज़ारा देख रहा था और वो सोचने लगा कि ऐसे तो यह मर जाएगा. इतने में ही वो भालू नीचे लेटे मित्र के क़रीब आकर उसे देखने लगा, उसे सूंघा और उसके शरीर का पूरी तरह मुआयना करके आगे बढ़ गया.
ज़मीन पर लेटे मित्र ने राहत की सांस ली और वो सोचने लगा कि अच्छा हुआ जो मैंने सांस रोक ली थी, क्योंकि भालू मुर्दों को नहीं खाते और वो भालू मुझे मरा हुआ जानकर आगे बढ़ गया.
पेड़ पर चढ़ा मित्र बहुत हैरान था. भालू के जाने के बाद वो नीचे उतरा और उसने अपने मित्र से पूछा कि आख़िर उसने क्या किया था और वो भालू उसके कान में क्या कह रहा था. मुर्दा होने का नाटक कर रहे मित्र ने कहा कि भालू ने मेरे कान में कहा कि बुरे व़क्त में ही सही दोस्तों की पहचान होती है, इसलिए कभी भी ऐसे दोस्तों के साथ मत रहो, जो बुरा समय देखकर तुम्हें अकेले छोड़कर भाग जाएं और जो व़क्त पर काम ही न आएं. दूसरे मित्र को समझते देर न लगी और फिर दोनों आगे बढ़ गए.
please Mark brainiest thank you
Answer:
Hope this helps you
Explanation:
एक बार दो दोस्त जंगल से गुजर रहे थे। उन्हें पता था कि जंगल में कभी भी कुछ भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए उन्होंने एक-दूसरे से वादा किया कि वे खतरे के किसी भी मामले में एकजुट रहेंगे।
अचानक, उन्होंने देखा कि एक बड़ा भालू उनके पास आ रहा है। दोस्तों में से एक एक बार पास के पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन दूसरे को नहीं पता था कि कैसे चढ़ना है। इसलिए अपने सामान्य ज्ञान का नेतृत्व करते हुए, वह एक मृत व्यक्ति होने का नाटक करते हुए, बेदम होकर जमीन पर लेट गया।
भालू जमीन पर पड़े आदमी के पास आया। यह उसके कानों में पिघला, और धीरे-धीरे जगह छोड़ दिया। क्योंकि भालू मृत जीवों को नहीं छूते हैं। अब पेड़ पर मौजूद दोस्त नीचे आया और उसने अपने दोस्त को जमीन पर देखते हुए पूछा, "दोस्त, भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा था?" दूसरे दोस्त ने जवाब दिया, "भालू ने मुझे झूठे दोस्त पर विश्वास न करने की सलाह दी।"