(द) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(ख) आने वाली विपत्ति या दुख से उत्पन्न होता
(ब) साहस
(स) भय (द) वीरता
(अ) क्रोध
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सही उत्तर है...
(स) भय
व्याख्या:✎...
आने वाली विपत्ति या दुख के विचार से भय उत्पन्न होता है।
जब मनुष्य में किसी आने वाली विपत्ति या दुख की आशंका सताती है, तो उसके मन में एक अनजाने से भय का भाव उत्पन्न हो जाता है। यह भय का भाव संभावित विपत्ति या दुख से मिलने वाले कष्ट के संवेग के कारण उत्पन्न होता है। मनुष्य को मन में यह भय रहता है कि क्या पता आने वाली विपत्ति या दुख से कितना कष्ट भोगना पड़े।
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भय किस रस का स्थायी भाव है? उदाहरण लिखिए।
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