Hindi, asked by tilakram2up, 9 months ago

दोनो एक-दूसरे के विरोधी हैं।
पद्यांशों पर आधारित प्रश्नोत्तर
धीरे बोली स-दुख उससे श्रीमती राधिका यों।
प्यारी प्रातः पवन इतना क्यों मुझे है सताती।
क्या तू भी है कलुषित हुई काल की क्रूरता
से॥
(2000,05,06,08)
प्रसंग-एक दिन राधिका अपने घर में अकेली बैठी हुई थीं। उनकी आँखें
आँसुओं से परिपूर्ण थीं, तभी प्रात:कालीन पवन उनके दुःख को बढ़ाने लगी। तब
वे पवन को फटकार लगाती हैं।
व्याख्या-एक दिन राधिका उदासी से परिपूर्ण घर में अकेली बैठी हुई
थीं। आँसू आ-आकर उनकी दोनों आँखों को सजल बना रहे थे। इसी समय
प्रात:कालीन सुगन्धित पवन खिड़कियों से होकर घर के भीतर आई।
जब पवन के प्रभाव से राधिका का दुःख बहुत बढ़ गया तो उन्होंने
दुःखी होकर धीरे-धीरे पवन से कहा कि हे प्रातःकालीन पवन! तू क्यों मुझे
इस प्रकार सता रही है? क्या तू भी समय की कठोरता से दूषित हो गई है? क्या
तुझ पर भी समय की क्रूरता का प्रभाव पड़ गया है?
काव्य-सौन्दर्य-(1) राधिका की मनोदशा का भावपूर्ण चित्रण किया गया
है। (2) भाषा-खड़ीबोली। (3) अलंकार-मानवीकरण। (4) रस-शृंगार।
(5) शब्दशक्ति-अभिधा। (6) गुण–प्रसाद। (7) छन्द-मन्दाक्रान्ता।​

Answers

Answered by shreekeshdangorey
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Answer:20p

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