दिन जल्दी जल्दी ढलता है-कविता के आधार पर उन स्थितियों को स्पष्ट
कीजिये जिनके कारण पथि क जल्दी-जल्दी चलता है, किन्तु
कवि के कदम
शिथिल क्यों हो जाते हैं?
Answers
Answer:
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है, कविता में कौन से रस हैं? ... इस कविता में, कवि ने अपने जीवन की अनेक विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है। कवि सांसारिक कठिनाइयों से जूझ रहा है, फिर भी वह इस जीवन से प्यार करता है। वह संसार की परवाह नहीं करता क्योंकि संसार अपने चहेतों का गुणगान करता है।प्रश्न : (ग) कवि के कदम शिथिल क्यों हो जाते हैं? उत्तर : (ग) कवि के कदम षिथिल इसलिये हो जाते हैं, क्योंकि उसकी प्रतीक्षा करने वाला कोई नहीं है। उत्तर : (घ) 'मैं होऊँ किसके हित चंचल' का भाव यह है कि कवि अपनी पत्नी के संसार से चले जाने पर एकाकी जीवन बिता रहा है। इसलिये उसके मन में घर जल्दी पहुंचने का कोई उत्साह नहीं है
दिन के जल्दी-जल्दी ढलने के कारण व्यक्ति सजग हो जाता है। वह जल्दी से जल्दी अपनी मंजिल पर पहुँचना चाहता है। जल्दी-जल्दी ढलने की भावना के कारण व्यक्ति में स्फूर्ति आ जाती है। इसी कारण वह प्रत्येक कार्य समय रहते पूरा कर लेना चाहता है|