Hindi, asked by varundhawan2485, 5 months ago

दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं | जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं - सड़क पर ठेला लगाने वाला, दूध वाला, नगर निगम का सफाई कर्मी, बस कंडक्टर, स्कूल अध्यापक, हमारा सहपाठी और ऐसे ही कई अन्य लोग l शिक्षा, वेतन, परंपरागत चलन और व्यवसाय के स्तर पर कुछ लोग निम्न स्तर पर कार्य करते हैं और कुछ उच्च स्तर पर l एक माली के कार्य को सरकारी कार्यालय के किसी सचिव के कार्य से अति निम्न स्तर माना जाता है किंतु यदि यही अपने कार्य को कुशलता पूर्वक करता है और उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करता है तो उसका कार्य उस सचिव के कार्य से कहीं बेहतर है जो अपने काम में ढिलाई बरतता है तथा अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह नहीं करता l क्या आप ऐसे सचिव को एकआदर्श अधिकारी कह सकते हैं? वास्तव में पद महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण होता है कार्य के प्रति समर्पण भाव और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता। इस संदर्भ में गांधीजी से उत्कृष्ट उदाहरण और किसका दिया जा सकता है, जिन्होंने अपने हर कार्य को गरिमामय मानते हुए किया l वह अपने सहयोगियों को श्रम की गरिमा की सीख दिया करते थे l दक्षिण अफ्रीका में भारतीय लोगों के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने सफाई जैसे कार्य को कभी नीचा नहीं समझा और इसी कारण स्वयं अपनी पत्नी कस्तूरबा से भी उनके मतभेद हो गए थे।

Option 1

1. माली का कार्य सचिव के कार्य से बेहतर होता है जब- *

1 point

वह अपना कार्य कुशलता पूर्वक करता है।

अधिक तनख्वाह लेता हैl

अधिक घंटे काम करता है।

अधिक सुविधाएं प्राप्त करता हैl​

Answers

Answered by Asimmahi
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Answer:

अनुच्छेद लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए -

(1) अनुच्छेद लिखने से पहले रूपरेखा, संकेत-बिंदु आदि बनानी चाहिए। (कुछ प्रश्न-पत्रों में पहले से ही रूपरेखा, संकेत-बिंदु आदि दिए जाते हैं। आपको उन्हीं रूपरेखा, संकेत-बिंदु आदि को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद लिखना होता है।)

(2) अनुच्छेद में विषय के किसी एक ही पक्ष का वर्णन करें। (ऐसा इसलिए करना आवश्यक हो जाता है क्योंकि अनुच्छेद में शब्द सिमित होते हैं और हमें अनुच्छेद संक्षेप में लिखना होता है।)

(3) भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली होनी चाहिए। ताकि समीक्षक या पढ़ने वाला आपके अनुच्छेद से प्रभावित हो सके।

(4) एक ही बात को बार-बार न दोहराएँ। क्योंकि एक ही बात को बार-बार दोहराने से आप अपने अनुच्छेद को दिए गए सिमित शब्दों में पूरा नहीं कर पाएँगे और अपने सन्देश को लोगों तक नहीं पहुँचा पाएँगे।

(5) अनावश्यक विस्तार से बचें, लेकिन विषय से न हटें। आपको भले ही संक्षेप में अपने अनुच्छेद को पूरा करना है, परन्तु आपको ये भी ध्यान रखना है कि आप अपने विषय से न भटक जाएँ।

(6) शब्द-सीमा को ध्यान में रखकर ही अनुच्छेद लिखें। ऐसा करने से आप अपने अनुच्छेद में ज्यादा-से-ज्यादा महत्वपूर्ण बात लिखने की ओर ध्यान दे पाएँगे।

(7) पूरे अनुच्छेद में एकरूपता होनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि कही कोई बात विषय से अलग लगे और पढ़ने वाले का ध्यान विषय से भटक जाए।

(8) विषय से संबंधित सूक्ति अथवा कविता की पंक्तियों का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे आपका अनुच्छेद बहुत अधिक प्रभावशाली और रोचक लगेगा।विद्यालय की प्रार्थना-सभा

प्रत्येक विद्यार्थी के लिए प्रार्थना-सभा बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। प्रत्येक विद्यालय में सबसे पहले प्रार्थना-सभा का आयोजन किया जाता है। इस सभा में सभी विद्यार्थी व अध्यापक-अध्यापिकाओं का सम्मिलित होना अत्यावश्यक होता है। प्रार्थना-सभा केवल ईश्वर का ध्यान करने के लिए ही नहीं होती, बल्कि यह हमें अनुशासन भी सिखाती है।

हमारे विद्यालय की प्रार्थना-सभा में ईश्वर की आराधना के बाद किसी एक कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा किसी विषय पर कविता, दोहे, विचार, भाषण, लघु-नाटिका आदि प्रस्तुत किए जाते हैं व सामान्य ज्ञान पर आधारित जानकारी भी दी जाती है, जिससे सभी विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं।

जब कोई त्योहार आता है, तब विशेष प्रार्थना-सभा का आयोजन किया जाता है। प्रधानाचार्या महोदया भी विद्यार्थियों को सभा में संबोधित करती हैं तथा विद्यालय से संबंधित महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ भी करती हैं। प्रत्येक विद्यार्थी को प्रार्थना-सभा में पूर्ण अनुशासनबद्ध होकर विचारों को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। प्रार्थना-सभा का अंत राष्ट्र-गान से होता है। सभी विद्यार्थियों को प्रार्थना-सभा का पूर्ण लाभ उठाना चाहिए व सच्चे, पवित्र मन से इसमें सम्मिलित होना चाहिए।

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