दैनिक कार्यों jisse hum apne desh prem prakat karte hain
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भाव जिस पर श्रीहरि की कृपा हो जाती है उसके लिये ... वह मन और वाणी का विषय नहीं। ... सब प्रकार से वह अगम्य है अतः सूरदास सगुण ...
देश प्रेम को प्रकट करने के लिये कोई निश्चित मापदंड नही है। कोई एक सर्वमान्य नियम नही है कि उस नियम का पालन करना ही देशप्रेम का परिचायक हो सकता है।
हम लोगों ने मन में ये धारणा बना रखी है कि फौजी के रूप में देश की सीमा पर जाकर लड़ना ही देशप्रेम है। ये बात सत्य है पर ये सत्य का एक छोटा सा रूप है। इस सत्य का व्यापक रूप ये है कि देशप्रेम प्रकट करने के लिये अन्य बहुत से कार्य हैं। जिनको कर हम अपनी सामर्थ्य के अनुसार देश की सेवा कर अपना देशप्रेम प्रकट कर सकते हैं।
हमारे सैनिक हमारे लिये अपनी जान पर खेलकर हमारे देश की सुरक्षा कर सकते हैं इसलिये उनके देशप्रेम पर कोई संदेह नही है। पर खाली सैनिक बनकर ही देशप्रेम प्रकट नही किया जाता, क्योंकि हर कोई तो सैनिक नही बन नही सकता।
हम हर वो कार्य कर सकते हैं जिससे देश की उन्नति हो। देश आगे बढ़े। हमारे देश का नाम हो। ये सब कार्य भी किसी देशप्रेम से कम नही हैं।
हम अपने देश में अधिक से अधिक स्वच्छता रखें, गंदगी को जड़ से मिटा दें ताकि हमारा अधिक से अधिक साफ और सुंदर दिखे। बाहर से आने वाले पर्यटक हमारे देश की स्वच्छता की प्रशंसा करें।
हम अपने देश के पर्यावरण की रक्षा करें। अधिक से अधिक वृक्ष लगायें ताकि हरियाली का अनुपात बढे और देश की आबो-हवा स्वच्छ हो।
देश के प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकतानुसार ही दोहन करें और उनकी बर्बादी न करें ताकि अधिक से अधिक लोग इन सीमित संसाधनों का लाभ उठा सकें।
देश की सार्वजनिक संपत्ति का पूरा ध्यान रखें। जो सरकारी संस्थायें हैं या जो भी सरकार द्वारा सुविधायें उपलब्ध कराईं गयी हैं उनका सावधानी पूर्वक उपयोग करें और किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को कोई भी नुकसान न पहुचायें।
अपना व्यवसाय या नौकरी आदि जो भी हो वो पूरी ईमानदारी से करें। सारे सरकारी करों का भुगतान पूरी ईमानदारी से करें। याद रखें कि हम जो भी कर देते हैं वो पैसा देश के विकास में ही लगना है।
अपने देश की भाषा, संस्कृति व विरासत का पूरा सम्मान करें और इन्हें सहेज कर रखें। हमारी संस्कृति हमारे देश की आत्मा हैं।
सबके साथ प्रेम और सद्वभाव से रहें। ताकि हमारी देश अनेकता में एकता वाली भावना कायम रहे।
ये सब कार्य हैं जो देशप्रेम प्रकट करने का ही रूप हैं।
ये कुछ बिंदु है जो ये प्रकट करते हैं कि खाली सीमा पर तैनात फौजी ही देश प्रेम का परिचय नही देते। हम भी देश के अंदर अनेक छोटे-बड़े कार्यों से देश-प्रेम का परिचय दे सकते हैं।