Hindi, asked by shreshthgupta3, 8 months ago

थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को
ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान
नहीं दिला सका। क्यों?​

Answers

Answered by priyanshuy71538
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Explanation:

लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली।

लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली।जबकि दूसरी यात्रा के समय जानकारी न होने के कारण भद्र यात्री के वेश में आने पर भी उन्हें रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिला। उन्हें गाँव के एक सबसे गरीब झोंपड़े में ठहरने को स्थान मिला। ऐसा होना बहुत कुछ, लोगों की उस वक्त की मनोवृति पर भी निर्भर करता है। क्योंकि शाम के वक्त छङ् पीकर बहुत कम होश-हवास को दुरुस्त रख पाते हैं।

Answered by Braɪnlyємρєяσя
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 \impliesइसका मुख्य कारण था-संबंधों का महत्त्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। बिना जान-पहचान के यात्री को भटकना पड़ता था। दूसरे, तिब्बत के लोग शाम छः बजे के बाद छङ पीकर मस्त हो जाते थे। तब वे यात्रियों की सुविधा का ध्यान नहीं रखते थे।

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