Hindi, asked by manassharma74, 3 months ago

दोनों मेरी ऐंठी हैं।
कंठ रुका है महानाश का
मारक गीत रुद्ध होता है,
आग लगेगी क्षण में, हृत्तल में
अब क्षुब्ध-युद्ध होता है।
झाड़ और झंखाड़ दग्ध है
इस ज्वलंत गायन के स्वर से,
रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है
निकली मेरे अंतरतर से।​

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Answered by bhimrajmahale365
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Explanation:

मेरी मेरी ऐसी है कंट्रा का है मां का

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