दोनों मित्र जान हथेलियों पर लेकर लपके | साँड़ को भी संगठित शत्रुओं से लड़ने का तजुरबा न था | वह तो एक शत्रु से मल्लयुद्ध करने का आदी था । ज्यों ही हीरा पर झपटा , मोती ने पीछे से दौड़ाया | साँड़ उसकी तरफ़ मुड़ा , तो हीरा ने रगेदा | साँड़ चाहता था कि एक -एक करके दोनों को गिरा ले , पर ये दोनों भी उस्ताद थे | उसे वह अवसर न देते थे । एक बार साँड़ झल्लाकर हीरा का अंत कर देने के लिए चला कि मोती ने बगल से आकर पेट में सींग भोंक दिया साँड़ क्रोध में आकर पीछे फिरा , तो हीरा ने दूसरे पहलू में सींग चुभा दिया | आखिर बेचारा जख्मी होकर भागा और दोनों मित्रों ने दूर तक उसका पीछा किया यहाँ तक कि साँड़ बेदम होकर गिर पड़ा |
प्रश्न 1. साँड़ बैलों के साथ क्यों नहीं लड़ पाया ?
प्रश्न 2. साँड़ को हराने के लिए हीरा - मोती ने क्या किया ?
प्रश्न 3. गुस्से में आकर साँड़ क्या करने चला तथा उसका क्या परिणाम निकला ?
प्रश्न 4. मल्लयुद्ध से क्या अभिप्राय है ?
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1-क्यूकी उसे उनके साथ लग्ने का तजुरबा नाहि था
२-दोनो ने सांड के पेट मे सीख घुसा दिया
३-वो दुसरे दोस्त को मायना चाहता था
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1 क्योंकि एकता ताकत है। वे एक साथ थे। इसलिए वह लड़ने में सक्षम नहीं होगा।लेकिन अगर वे अकेले लड़ते तो हार जाते।
2 दोनों मिलकर उससे लड़ने का काम करते हैं। पहले वे उसे क्रोधित करते हैं फिर उसके क्रोध का प्रयोग करते हैं।
3 उसने हीरा को मारने की कोशिश की, लेकिन वह मोती भूल गया। वहाँ था और वह मारा गया।
4 जब दो लड़ाके मिट्टी में लड़ते हैं तो उसे कहते हैं
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