Hindi, asked by vandana7674, 4 days ago

दिन-रात महंगाई के विषय में संपादक को प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखिए​

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Answered by HariAnuj
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Answer:

श्रीयुत

संपादक महोदय दैनिक जागरण वसन्त

नई दिल्ली- 110074 दिनांक - 7 जुलाई , 2018 , विषय- बढ़ती महंगाई के संबंध में संपादक को पत्रा मान्यवर , मैं इस पत्र के माध्यम से प्रशासन तथा सरकार का ध्यान बढ़ती हुई महँगाई की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ । आपसे अनुरोध है कि मेरे पत्र को अपने समाचार पत्र के लोकवाणी कॉलम में प्रकाशित करने का कष्ट करें । आजकल देश में बढ़ती महंगाई से जनता त्राहि - त्राहि कर रही हैं । दैनिक प्रयोग की लगभग सभी वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं । यहाँ तक कि सब्जियों की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है । अत : प्याज , टमाटर जैसी सामान्य सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं ।महंगाई के कारण आम आदमी का रोना का जीना मुश्किल हो गया है । देश के अधिकांश नेता महगाई तो रोते हैं , सरकार भी इस विषय पर चिंता जताती है , परंतु कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए जाते । इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार भी महँगाई पर रोक लगाने में पूरी तरह असफल रही है ।. यदि सरकार दृढ़ता दिखाए तो बढ़ी हुई कीमतों पर नियंत्रण लगा सकती है । मेरा सरकार तथा में तत्काल प्रशासन से आग्रह है कि इस दिशा आवश्यक कदम उठाए जाएँ और महंगाई पर रोक लगाएँ । धन्यवाद सहित , भवदीया नीर तँवर

Answered by dadasahebthengil123
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Answer:

सेवा में ,

श्रीमान संपादक महोदय

प्रेम नगर , किशनगंज , नई दिल्ली

विषय : बढ़ते महंगाई पर दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र l

महाशय / मान्यवर

सविनय निवेदन यह है कि मैं प्रेम नगर का स्थानीय निवासी हूं । मैं इस पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान बढ़ते हुए महगाई की ओर खींचना चाहता हूं ।

वर्तमान समय में महंगाई की समस्या अत्यन्त विकराल रूप धारण कर चुकी है । एक दर से बढ़ने वाली महंगाई तो आम जनता किसी न किसी तरह से सह लेती है, लेकिन कुछ समय से खाद्यान्नों और कई उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्यों में भारी वृद्धि ने उप कर दिया है ।

वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि का क्रम इतना तीव्र है कि आप जब आप कुछ दोबारा खरीदने जाते हैं, तो वस्तु का मूल्य पहले से अधिक हो चुका होता है । गरीब और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के मुख्य खाद्य पदार्थ गेहूँ के लगभग एक-तिहाई बढ़ोतरी इस समस्या के विकराल होने का संकेत दे रही है ।

सरकार के कान पर जूँ नहीं रेंगती। कोई भी मंत्री इस पर चिंता तक प्रकट नहीं करता। लगता है कि यह सब उनकी मिली भगत के परिणामस्वरूप ही हो रहा है । जनता के सब्र का बाँध टूट रहा है। समय रहते सरकार महँगाई पर काबू पाने के प्रयास करे, अन्यथा स्थिति बेकाबू हो जाएगी।

अगर आप इस मामले को अपने अखबार में प्रकाशित करते हैं तो मैं आपका सदेव आभारी रहूंगा ।

धन्यवाद ।

अनमोल शर्मा

स्थानीय वासी ।

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