दीन दुखियों का दुख दूर करना चाहिए विषय पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए
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दीन दुखियों की सच्ची सेवा ही भगवान की सच्ची सेवा है। एक पुरानी कहावत है कि नर में नारायण बसते हैं अर्थात प्रत्येक मनुष्य के शरीर में भगवान का वास है। इसलिए हमें अगर भगवान की सेवा करनी है उनकी आराधना करनी उनको प्रसन्न करना है तो हमें गरीबों, असहायों और निर्बलों अर्थात दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए।
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