Hindi, asked by safalsingh2019, 3 months ago

दान देने की परिपाटी प्राचीन काल से चली आ रही है। अनदान, गौदान,
वस्त्रदान, सुवर्णदान, भूमिदान करना भारतीय अपना परम धर्म मानते हैं। धर्म से स्वर्ग
की प्राप्ति होती है, ऐसा माना जाता है। प्राचीन काल में विद्यादान को सर्वश्रेष्ठ दान
माना जाता था। वर्तमानकाल में कुछ नए प्रकार के दान प्रचलित हुए हैं-नेत्रदान,
रक्तदान, किडनीदान। रक्त तो हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। पचास वर्ष तक के
निरोगी स्त्री-पुरुष रक्तदान कर सकते हैं। दुर्घटनाओं से परिपूर्ण वैज्ञानिक युग में
रक्तदान, सर्वश्रेष्ठ दान माना जा रहा है। नेत्रदान करने से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि
मरणोपरान्त ही आँखें निकालकर अंधों को दी जाती हैं और वे देखने लगते हैं। बीमार के
प्राण बचाने के लिए हम अपनी एक किडनी का दान दे सकते हैं। plz tell me fast ​

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Answered by najruddinkhan18589
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Answer:

वस्त्रदान, सुवर्णदान, भूमिदान करना भारतीय अपना परम धर्म

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