Hindi, asked by aptabjnv4251, 11 months ago

थानेदार की कमाई और फूस का तापना दोनो बराबर है लेखक ने एसा क्यो कहा?

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Answered by shishir303
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O  थानेदार की कमाई और फूस का तापना दोनो बराबर है लेखक ने एसा क्यो कहा?

►  थानेदार की कमाई और फूस का तापना दोनों बराबर है, ऐसा लेखक ने इसलिए कहा क्योंकि यहाँ पर कहानी में जिस थानेदार के संबंध में ये बात कही वो एक बड़े रिश्वतखोर थे और उन्होंने काफी दौलत इकट्ठी कर ली, और सब लोग उसी मौज-मस्ती करते थे। लेकिन वो दौलत अधिक दिनों तक नही टिकी।

यहाँ लेखक का तात्पर्य थानेदार की कमाई यानी रिश्वत से है और रिश्वत की कमाई अधिक समय तक नहीं टिकती। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह फूस को जलाने पर तापना खबर का क्षण भर का सुख देता है। यानि फूस को जलाने पर वो थोड़ी देर में ही जलकर खत्म हो जाता है, उसे ज्यादा देर तक जलाकर उस पर ताप नहीं सकते। उसी तरह थानेदार की रिश्वत की कमाई चंद दिनों तक का सुख भोगा जा सकता है।

(कहानी का प्लॉट - शिवपूजन सहाय)

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