दिनका
स्त्रिया वारागना
(इ) गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
एक बार मेरे पिताजी ‘श्रवण की पितृभक्ति' नामक पुस्तक खरीद कर लाये। मैंने उसे
बड़े चाव से पढ़ा। उन दिनों बाइस्कोप में तस्वीर दिखानेवाले लोग आया करते थे। तभी मैंने अपने
माता-पिता को बहंगी पर बिठाकर ले जानेवाले श्रवण कुमार का चित्र भी देखा। इन बातों का
मेरे मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। मन-ही-मन मैंने ठान लिया कि मैं भी श्रवण की तरह बनूंगा।
मैंने ‘सत्य हरिश्चंद्र' नाटक भी देखा था। बार-बार उसे देखने की इच्छा होती। हरिश्चंद्र के सपने
आते। यह बात मेरे मन में बैठ गयी। चाहे हरिश्चंद्र की भाँति कष्ट क्यों न उठाना पड़े, पर सत्य
को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
प्रश्न
1. सेवाभाव की प्रेरणा महात्मा गाँधी को कैसे मिली?
2. सत्य की प्रेरणा महात्मा गाँधी को किससे मिली?
3. इस गद्यांश का उचित शीर्पक क्या होगा?
Answers
Answer:
प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-
(1) संज्ञा (2) सर्वनाम (3) विशेषण (4) अव्यय (5) क्रियाविशेषण (6) क्रिया (7) संबंधबोधक (8) समुच्चयबोधक
(1) संज्ञा का पदपरिचय:- वाक्य में संज्ञापदों का पदपरिचय करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया या अन्य पदों के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक है।
उदाहरण1- हिमालय भारत का पहाड़ है। उपर्युक्त वाक्य में 'हिमालय' 'भारत' और 'पहाड़' संज्ञापद है।
इनका पदपरिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-
हिमालय : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक 'है' क्रिया का कर्ता है।
भारत : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक इस पद का संबंध 'पहाड़' से हैं।
पहाड़ : जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।
दूसरा उदाहरण- लंका में राम ने वाणों से रावण को मारा।
इस वाक्य में 'लंका'