दिनकर जी के अनुसार जिंदगी की कितनी सूरतें हैं ?
Answer
A.
तीन
दो
B.
C.
चार
पाँच
D.
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सही विकल्प होगा...
✔ दो
स्पष्टीकरण ⦂
✎... दिनकर जी के अनुसार जिंदगी की दो सूरते होती हैं, एक सूरत वह होती है जिसमें आदमी अपने बड़े-बड़े उद्देश्य के लिए निरंतर प्रयास करता रहता है और सुखी एवं जगमगाती, चमचमाती हुई जिंदगी को प्राप्त करना चाहता है, और केवल अपने में ही सिमट कर रह जाता है। दूसरी सूरत वह होती है, जब व्यक्ति उन गरीब वंचित असहाय लोगों का हमजोली बन जाता है जो ना तो बहुत अधिक सुख पाते हैं और ना ही उन्हें बहुत अधिक दुख मिलता है, और वह थोड़े में ही संतोष कर लेते हैं। इसीलिए दिनकर जी के अनुसार जिंदगी की दूसरी सूरत श्रेष्ठ है, क्योंकि संतोष पूर्वक जीवन यानि थोड़े में गुजारा ही सबसे बेहतर जिंदगी है।
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