Hindi, asked by ATULYA2588, 11 months ago

दिनकर की कविता परशुराम के उपदेश आज के समय में कितने प्रासंगिक है टिप्पणी कीजिए

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Answered by bharattiwariepatrika
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कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता परशुराम के उपदेश आज भी आधुनिक युग में प्रासंगिक है। इसका कारण यह है कि भले ही हमारा देश भारत आज आजादी के 70 साल का जश्न मना रहा है, लेकिन 70 सालों में बढ़ती आधुनिकता के बाद भी लोगों की सोच वही रूढिवादी है। देश के लोग खान-पान व रहन-सहन में भले ही आधुनिक हो गए हों, लेकिन महिलाओं के प्रति उनका नजरिया आज भी सदियों पुराना ही है।

Explanation:

कम्प्यूटर युग में रमने के बाद भी लोगों की खुद की सोच को जंग लग गई है। तकनीकी काम में लोग भले ही कम्प्यूटर की गति से सोच रहे हों, लेकिन संस्कृति व पारम्परिक बातों में आज भी उनकी सोच अनपढ़ों जैसे ही है। आज भी औरतों के प्रति लोगों की मानसिकता वहीं पुरानी है। आज युवा महिलाओं को अभी भी पैरों की जूतियां समझने से नहीं चूकता है।

इतना ही आधुनिकता की अंधी दौड़ में खुद को बड़ा दिखाने के लिए लोग बेटा-बेटी व बहु-दामाद में कोई फर्क नहीं होने की बात कहता हो, लेकिन वास्तविकता में लोग आज भी बेटी-बहू और बेटे-दामाद में बडा फर्क रखते हैं। सरकार की ओर से कई कानून बनाए जाने के बाद भी समाज में पिछड़े वर्ग के लोगों को शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। जात-पात के नाम पर बड़ी छुआछूत की जा रही है।

जाति-धर्म का भेद आज भी सदियों पुराना ही चला आ रहा है। इन सब बेडि़यों के बाद भी हम स्वतंत्रता का जश्न मना रहे हैं। समय नहीं आ रहा कि यह किस प्रकार की स्वतंत्रता है। इसलिए परशुराम के उपदेश कविता आज भी प्रासंगिक है।

Answered by arvindekka9876
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  • परशुराम की केंद्रीय भाव

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