Hindi, asked by durgeshkumarkansari, 1 month ago

दानवी रक्त से पाप धुलने कि कल्पना कवि ने क्यों कि हैं वर्णन किजिए ​

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Answered by shishir303
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¿ दानवी रक्त से पाप धुलने कि कल्पना कवि ने क्यों की हैं, वर्णन किजिए।

 

✎... कवि ‘रामधारी सिंह दिनकर’ ने दानवी रक्त से पाप धुलने की कल्पना इसलिए की है, क्योंकि कवि ने अनाचारी और अन्यायी व्यक्ति को दानव की संज्ञा दी है, और इन अत्याचारी और अन्यायी व्यक्तियों के शरीर से बहने वाला खून दानव रक्त के समान है।

हमारे समाज में प्रचलित लोक मान्यता के अनुसार गंगा-स्नान करने से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं, लेकिन यहाँ पर कवि यथार्थवादी दृष्टिकोण रखता है। कवि के अनुसार समाज के वातावरण को प्रदूषण रहित और पाप मुक्त बनाना है तो इन दानवों का विनाश करना उचित है। जब तक मनुष्य के अंदर व्याप्त दानवी विचारों वाला रक्त नहीं बहेगा तब तक पाप-शुद्धि नहीं होगी। इसी कारण कवि ने दानवी-रक्त से पाप धुलने की कल्पना की है।  

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