Hindi, asked by saklanijuhi, 1 year ago

दीप हूँ जलता रहूँगा भू में प्रभा भरता रहूँगा सूर्य का मैं वंशधर हूँ चंद्र का में अंशधर हूं नक्षत्र मेरे बंधुगण हैं हैं अनल विस्तार मेरा बाडवानल और दावादाह तक है सदा मेरा बसेरा सूर्य-सा उगता रहूँगा लहर-सा बहता रहूँगा दीप हूँ जलता रहूँगा मैं विश्व की संपत्ति हूँ, है विश्व का अधिकार मुझ पर चंद महलों मंदिरों में मर रहा हूँ झुलस कर आज बढ़ना है मुझे प्रासाद से हर पर्णशाला तक आज मेरा क्षेत्र होगा कंदरा से शैलभामा तक रौशनी के हर लुटेरे के मैं कर कमल करता रहूँगा दीप हूँ जलता रहूँगा 1. स्वयं को प्रकाश का प्रतीक बताने के लिए कवि ने किन उपमानों का प्रयोग किया है ? ------------------------------------------------------------------------------------------------------- ------------------------------------------------------------------------------------------------------- 2. कौन सी पंक्ति कवि की विकासशीलता की परिचायक है ? ------------------------------------------------------------------------------------------------------- ------------------------------------------------------------------------------------------------------- 3. स्वयं को विश्व की संपत्ति सिद्ध करने के लिए दीपक क्या करेगा ? ------------------------------------------------------------------------------------------------------- ------------------------------------------------------------------------------------------------------- 4. ‘रौशनी के हर लुटेरे के ,मैं कर कमल करता रहूँगा’ – का आशय स्पष्ट कीजिए । ------------------------------------------------------------------------------------------------------- ------------------------------------------------------------------------------------------------------- 5. कविता का उचित शीर्षक लिखिए । -------------------------------------------------------------------------------------------------------

Answers

Answered by Ishuishank
5
1. deep,bhu,Surya, Chandra
2. Mai Vishva ki sampatti hu .................parnshala tak aaj
5. Deepak jalta Rahu
I don't know the answer of 3 and 4
I am sorry

HOPE YOU WILL LIKE MY ANSWER
PLEASE MARK ME AS A BRAINLIEST
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