English, asked by ns8915299, 7 months ago

द पॉइंट ऑफ सक्सेस इज इक्विडिस्टेंट ऑफ पॉइंट​

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Answered by sumansharma9402
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Answer:

ऐसे बहुत से कारोबार हैं, जिनमें आप अपने हाथ आजमा सकते हैं। ऐसा ही एक धंधा है एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का। इसकी खास बात यह है कि इसमें आपको बहुत कम इनवेस्टमेंट के साथ देश-विदेश घूमने का भरपूर मौका मिलेगा। आपके विदेश भ्रमण को सरकार सब्सिडी भी देगी। एक्सपोर्ट के बिजनेस पर पूरी जानकारी दे रहे हैं भुवन भास्कर:

सबसे बड़ा खिताब जीता सैमसंग का नया फोन, धाकड़ परफॉर्मेंस

- देश में कई ऐसे छोटे मैन्युफैक्चरर हैं, जो अपना माल विदेश में बेचना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इतने साधन नहीं हैं कि वह इसे अंजाम दे सकें।

- विदेश में देश की बनी कई वस्तुओं की काफी मांग है, जिनके लिए वहां के कंस्यूमर अच्छी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं।

- इसी तरह विदेश की कई वस्तुओं की भी देश में काफी मांग है, जबकि उन वस्तुओं के विदेशी मैन्युफैक्चरर्स उन्हें खुद यहां एक्सपोर्ट नहीं कर पा रहे।

- हर बिजनेस की तरह एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में भी आपको इन डिमांड को सप्लाई से मिलाना है और कुल माल में आपका कमिशन पक्का।

कैसे गुण जरूरी

- आप को कुशलता के साथ चीजें मैनेज करने की कला आनी चाहिए, क्योंकि इस धंधे में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना जरूरी है।

- आपके अंदर अपनी बातों और व्यवहार से दूसरों का भरोसा जीतने की क्वॉलिटी होनी चाहिए।

- अपना माल बेचने का हुनर होना चाहिए।

पुख्ता होमवर्क जरूरी

- आप अपने कारोबार की शुरुआत घर में बैठकर एक फोन के साथ कर सकते हैं।

- आपको डेटा रखने के लिए बस एक कंप्यूटर, बिजनेस कार्ड और फैक्स मशीन की व्यवस्था करनी होगी।

- इस बिजनेस में आपका लेटर हेड खास अहमियत रखता है। निजी रिश्ते डिवेलप होने तक आपका लेटर हेड ही आपकी कंपनी की पहचान होता है। लेटर हेड सुंदर, सादा और प्रफेशनल दिखना चाहिए।

- आपके बिजनेस कार्ड्स, लेटर हेड से आपकी इंटरनैशनल कॉरपोरेट इमेज झलकनी चाहिए। इसके लिए कंपनी के नाम के आगे देश का नाम जोड़कर लिखें मसलन इंडियन ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड।

- बिजनेस कार्ड, लेटर पैड और बिजनेस कम्यूनिकेशन स्टेशनरी पर छपे अपने कॉन्टैक्ट डिटेल में इंटरनैशनल कोड यानी +91 जोड़कर भी इस इमेज को पुख्ता किया जा सकता है।

- कंपनी बनाने और एक्सपोर्ट मटीरियल पर फैसला करने के बाद यह पता करना चाहिए कि आपकी मदद के लिए कौन-सी सरकारी स्कीम या संस्थाएं हैं।

- कई बार आपके आसपास ही ऐसी कंपनियां होती हैं, जो वही प्रॉडक्ट विदेश में बेचती हैं, जो आप बेचने जा रहे होते हैं। ऐसी कंपनियों से बातचीत करें।

- इस कारोबार में चूंकि आपको अपने देश के साथ-साथ दूसरे देश के कानूनों का भी ध्यान रखना होता है, इसलिए आपको लाइसेंस, एक्सपोर्ट परमिट की जरूरत हो सकती है। इसकी जानकारी आप इंडस्ट्री से जुड़े लोगों, संबंधित एक्सपोर्ट अथॉरिटी और विदेशी व्यापार कानून के वकीलों से जान सकते हैं।

-आपको ट्रेड और डिलिवरी की शर्तों, अंतरराष्ट्रीय पेमेंट के तरीकों, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मूल्यों को समझना चाहिए और ऐसी शर्तें चुननी चाहिए, जो फायदेमंद हों।

- कंपनी बना लेने के बाद सबसे बड़ी चुनौती अनुभवी लोगों को नौकरी पर रखना और अपने स्टाफ को प्रशिक्षण देना है। आपके हर स्टाफ को यह समझना चाहिए कि वह एक ग्लोबल कंपनी का हिस्सा है और उसे अपने कामकाज में वही लेवल मेंटेन करना चाहिए।

इंपोर्टर एक्सपोर्टर कोड (IEC)

- एक्सपोर्टर या इंपोर्टर के तौर पर भारत सरकार से मान्यता लेने के लिए आईईसी लेना अनिवार्य है।

- इसे विदेश व्यापार महानिदेशालय, नई दिल्ली से 1,000 रुपये की ऐप्लिकेशन फीस देकर हासिल किया जा सकता है। फीस पे ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के जरिये जमा की जानी चाहिए। पे ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट जोनल जॉइंट डीजीएफटी के फेवर में होना चाहिए।

- आईईसी में मॉडिफिकेशन के लिए कोई फीस नहीं लगती, अगर इसकी सूचना 90 दिन पहले दे दी जाए।

- डुप्लिकेट आईईसी के लिए 200 रुपये फीस लगती है।

- आईईसी का फॉर्म www.dgft.gov.in पर ऑनलाइन भरा जा सकता है।

- आईईसी का फॉर्म भरने के लिए पैन कार्ड होना अनिवार्य है। यह दो दिनों में बन जाता है और स्पीड पोस्ट से भेजा जाता है।

- रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल करने के लिए आपको कस्टम्स एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट से संपर्क करना होगा।

- कुछ खास सेंसिटिव प्रॉडक्ट्स, जैसे दवाएं, शराब, केमिकल, हथियार, कुछ खास तरह के फूड आइटम और कुछ खास तरह के कपड़ों के एक्सपोर्ट या इंपोर्ट में आपको लाइसेंस की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए डीजीएफटी से पूरी जानकारी जरूर हासिल कर लें।

पार्टनर्स का चुनाव

- इस बिजनेस में आपका सबसे अहम साथी बैंक है, इसलिए आपको किसी ऐसे बैंक का चुनाव करना है जो आपका इंटरनैशनल कारोबार हैंडल कर सके।

- यह बैंक आपको विदेश दौरों पर बिजनेस के सिलसिले में जाने पर न केवल कैश की चिंता से मुक्त कर देगा, बल्कि आपके लिए क्रेडिट मैनेजर का भी काम करेगा।

- अगर आपने अपनी साख बरकरार रखी, तो बैंक आपके सौदों के सिलसिले में अहम सलाह और रेफरेंस भी देगा।

- जब आप विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत शुरू करें तो उनके सेल्स रिप्रजेंटेटिव्स से भी बेहतर संबंध बनाने पर ध्यान दें।

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