Biology, asked by lahrerajeshwari979, 2 months ago

दीप्तिकालिता को सविस्तार समझाइए।​

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Answered by POOJA5002
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Explanation:

दीप्तिकालिता— 24 घण्टे के प्रकाश एवं अप्रकाश काल के दैनिक चक्र में प्रकाश काल की अवधि दीप्तिकाल कहलाती है तथा दीप्तिकाल के प्रति सजीवों की अनुक्रिया दीप्तिकालिता (photoperiodism) कहलाती है।

गारनर एवं एलार्ड ने सर्वप्रथम 1920 में दीप्तिकालिता की परिकल्पना को बताया। उन्होंने देखा कि मैरीलैड मैमोथ नामक तम्बाकू की एक जाति में अत्यधिक कायिक वृद्धि होने के बावजूद ग्रीष्म ऋतु में पुष्पीकरण नहीं होता है, परन्तु इसी जाति को ग्रीन-हाउस में उगाने पर इसमें पुष्प एवं फल उत्पन्न होते हैं। उन्होंने इससे यह निष्कर्ष निकाला कि दिन की कम लम्बाई ही वह कारक है जो इस तम्बाकू के पादप में पुष्पीकरण को नियंत्रित करता है और इसलिए इसे अल्प प्रदीप्तिकाली पादप नाम दिया।

दीप्तिकालिता के आधार पर पादपों का वर्गीकरण-पादपों का दीप्तिकाल के प्रति अनुक्रिया के आधार पर गारनर एवं एलार्ड ने पादपों को तीन समूहों में बाँटा-

(1) अल्प प्रदीप्तिकाली अथवा लघु दिवसीय पादप (Short day plants, SDP)

(2) दीर्घ प्रदीप्तिकाली पादप अथवा दीर्घ दिवसीय पादप (Long day plants, LDP)

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