दीपावली पर आधारित प्रचलित कथा लिखिए।
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दीपावली का दिन आस्था, भरोसा, विश्वास, त्याग, हर्ष, खुशी और सच्चाई का मानक है। कहते हैं कि रावण का वध करके और 14 साल का वनवास काटकर प्रभु श्रीराम, माता सीता और अनुज लक्ष्मण संग इस दिन ही अयोध्या वापस लौटे थे। वो दिन कार्तिक माह की अमावस्या का था। लोगों ने अपने घरों में राम के आने की खुशी में दीपक से सजाया था इसलिए इस दिन दीए जलाने की पंरपरा है और ये दिन 'दीपावली' कहलाया।इस दिन लोग मां लक्ष्मी और विध्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करते हैं क्योंकि मां लक्ष्मी ही सुख और संपन्नता की देवी हैं, बिना उनके आशीष के संसार का कोई भी काम पूरा नहीं होता है लेकिन लक्ष्मी यानी धन को खर्च करने के लिए इंसान का बुद्धि-विवेक ठीक होना बहुत जरूरी है इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी के साथ विघ्नहर्ता और बुद्धि के देव प्रभु श्री गणेश जी की भी पूजा की जाती है। इस पर्व के बारे में और भी कई कथाएं हैं, जिनमें से एक कथा काफी प्रचलित है, जिसे दिवाली के दिन जरूर सपरिवार सुनना चाहिए