दीपावली पर माँ बेटी के बीच संवाद लाइन में संवाद
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बेटा : माँ कल हम सब दोस्त फिल्म देखने जा रहे हैं ।
माँ : बेटा अभी पिछले हफ्ते ही तो तुम सुब दोस्त फिल्म देखने गए थे और इतनी जल्दी फिर से फिल्म देखने जा रहे हो ।
बेटा : माँ बहुत ही अच्छी फिल्म है ।
माँ : देखो बेटा हमने आजतक तुम्हे किसी चीज़ के लिए मना नहीं किया, लेकिन ये बार-बार फिल्म देखने का शौक ठीक नहीं । इसके लिए ना तो मैं तुम्हे अनुमति दूँगी और ना ही तुम्हारे पिताजी ।
बेटा : पर माँ सभी दोस्त जा रहे हैं ।
माँ : सभी दोस्तों की जिम्मेदारी हमारी नहीं है । हमारे पर तुम्हारी जिम्मेदारी है । कभी-कभार फिल्म देखना घूमना अच्छा है, लेकिन किसी चीज़ का चस्का अच्छी बात नहीं ।
बेटा : पर माँ मैं हमेशा थोड़ी जाता हूँ ।
माँ : देखो बेटा, रोज तुम अपने दोस्तों के साथ दो घंटे खेलने जाते हो । तुम ही बताओ उसके लिए हमने कभी मना किया ? ना ही कभी किसी दोस्त के जन्मदिन में जाने से मना किया ना ही किसी और काम के लिए जहाँ हमें लगेगा कि किसी बात का तुम्हारे भविष्य पर गलत प्रभाव पड़ेगा तो वह हम नहीं करने देंगे । बाकी तुम समझदार बच्चे हो । अपना हित और अनहित समझते ही हो । आशा है तुम्हे मेरी बात समझ आ गई होगी ।
बेटा : हाँ माँ, आप सही कह रही हो । मुझे आप की बात समझ आ गई है । मैं आगे से इस बात का ध्यान रखूँगा ।
दीपावली पर माँ बेटी के बीच संवाद लाइन में संवाद:
माँ : नीता, घर कितना गन्दा हो रखा है। तुम घर की सफाई में मेरा हाथ क्यों नहीं बटाती ?
पुत्री : माँ अभी सफाई करने वाली आंटी आएँगी तो आप उनसे करा लेना ना ।
माँ : वह सिर्फ झाड़ू और पोछे के लिए आती है बेटा, पूरे घर की सफाई के लिए नहीं ।
पुत्री: पर माँ मुझे सफाई-वफाई करने के काम अच्छे नहीं लगते ।
माँ : बेटा , तुम्हे पता हैं अगले सप्ताह दीपावली हैं।
पुत्री: अरे वाह! नए कपड़े और मिठाइयां मिलेगी ।
माँ : नहीं , वो सब मैं सफाई वाली आंटी को दे दूंगी।
पुत्री: लेकिन क्यों माँ ?
माँ : बेटा , दीपावली खुशियों का त्योहार हैं इसलिए हमे साथ मिलकर साफ –सफाई और खुशियां मनानी चाहिए ।
पुत्री: जी ,माँ समझ गई हाथ बाटने से काम जल्दी होता हैं और मदद करने से खुशियां मिलती हैं।
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