दीपावली पर पटाखे खरीदने की जिद करते हुए पापा के साथ संवाद
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जागरण संवाददाता, मुंगेर: दीपावली हो और धमका न हो ऐसा हो नहीं सकता। हम बात कर रहें हैं दीपावली पर छोड़े जाने वाले पटाखों की। खुशियों की इस त्योहार में रंग-बिरंगे पटाखा फोड़ने की एक पंरपरा है। हालांकि, इन पटाखों का नाकारात्मक असर हमारे समाज और जीवन पर है बावजूद दीपावली पर लोग पटाखों से गुरेज नहीं करते है। खासकर बच्चों की जिद के आगे घर के बड़े लोग भी आतिशबाजी में शामिल हो ही जाते है। पटाखों के धुंए से निकलने वाले हानिकारक तत्व से वायू प्रदूषण को देºते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भले ही पारंपरिक पटाखों पर रोक लगाते हुए कुछ प्रतिबंध लागू कर ग्रीन पटाखें ही चलाने की अनुमति दी है। लेकिन महंगे ग्रीन पटाखे आम लोग के बजट से बाहर हैं एसे में पटाखों की डिमांड को देखते हुए जगह जगह पारंपिक पटखों की दुकानें सज गई है। ब्रांड के साथ बाजार में डुप्लिकेट पटाखें भी खूब बिक रहे हैं। लोग दीपावली की ºरीदारी करते समय पाटाखों की खरीदारी भी जमकर कर रहे हैं।
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