दोपहर के समय सूर्य सफेद क्यों दिखाई देता है
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Explanation:
हम जानते है कि सूर्य का प्रकाश 7 रंगो से मिलकर बना होता है। इन 7 रंगो मे लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सर्वाधिक एवं नीले रंग के सबसे कम होती है। ... जबकि दोपहर मे सूर्य से आने वाली किरणे कम दूरी तय करती है, इसलिये सभी रंगो का प्रकीर्णन बहुत कम हो पातावहै अत: सूर्य सफेद या हल्का पीला दिखाई देता है।
Answer:
सूर्य की किरणें 7 रंगों से मिलकर बनी हैं। ये रंग मिलकर सफेद रंग बनाते हैं। जब प्रकाश के सभी सात रंग एक साथ हमारी आंखों तक पहुंचते हैं, तो हम उस वस्तु को सफेद के रूप में देखते हैं।
Explain:
प्राथमिक रंग दो प्रकार के होते हैं। एक वे होते हैं जो हल्के लाल, हरे और नीले रंग के होते हैं और दूसरे वे होते हैं जो पिगमेंट यानी पदार्थों के रंग होते हैं। यानी जिन्हें हम पेंटिंग आदि में इस्तेमाल करते हैं। ये लाल, नीले और पीले रंग के होते हैं। मोटे तौर पर इन दोनों के बीच का अंतर गुणों में है। एक में जोड़ने का गुण होता है, जबकि दूसरे में घटाने का गुण होता है, प्रकाश के प्राथमिक रंगों को योगात्मक रंग कहा जाता है और पिगमेंट के रंगों को घटिया रंग कहा जाता है।
अब इन दोनों में अंतर समझिए। पिगमेंट के रूप में उपलब्ध रंगों की खास बात यह है कि यह प्रकाश के गिरने पर सभी रंगों को अवशोषित कर लेता है और केवल उसी रंग को परावर्तित करता है जिससे वह संबंधित होता है। चूंकि आकाश केवल नीले रंग को दर्शाता है और इसलिए यह नीला दिखाई देता है। यह स्पष्ट है कि पदार्थ के रंगों की प्रवृत्ति यह है कि वह वस्तु के रंग को छोड़कर अन्य रंगों को हटा देता है। इसलिए उन्हें घटिया रंग कहा जाता है।
दूसरी ओर, प्रकाश के रंग की एक अलग प्रवृत्ति होती है। इसकी खासियत यह है कि जो जैसा है, वैसा ही दिखता है। लाल रंग का | अगर प्रकाश है तो लाल है, अगर हरा है तो हरा है। लेकिन अगर कोई दो रंग एक साथ आते हैं, तो वे मिल जाते हैं। जैसे अगर लाल और हरा रंग एक साथ मिल जाए तो वह पीला दिखाई देगा। यानी प्रकाश के रंगों में जुड़ने का गुण होता है। इसलिए इन्हें योगात्मक या योगात्मक रंग कहा जाता है।
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