Hindi, asked by ajaygupta9630383426, 2 months ago

दुर असत से बने रहे हम सहपथ के अनुगामी रोग प्रवेश से मुक्त रहे हम जड़ चेतन के स्वामी वाणी में हो अमृत अमृत की पड़े ना हम पर छाया प्ररहित प्रति क्षण आजीवन अपनी काया आलोकित हो तमशा व्रत पथ प्रतिपल मंगलमय हो प्राप्त करें अमृत्व मृत्यो का हमें ना भय हो ।
अपठित गद्यांश को पढ़िए इन के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) कवि किस पथ से दूर रहना चाहता है ?
(ख) हम पर किसकी छाया नहीं पड़नी चाहिए?
(ग) हमारा जीवन किस के लिए अर्पित होना चाहिए?
(घ) कवि क्या प्राप्त करना चाहता है?​​

Answers

Answered by awasthiknppriya
2

(k) = असत्य के पथ से, (ख) = अम्रत

Answer:

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Answered by kmseema708
0

Answer:

क- असत्य/ ख-अमृत/ ok you I have only two answer

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