Hindi, asked by rinkubanerjee1980, 6 months ago

दुर्गा पूजा के बारे में 20 लाइन लिखिए​

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Answered by ks985
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दुर्गा पूजा हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। ज्यादा प्रसिद्ध है क्योकि यह बंगालियों का प्रमुख त्यौहार होता है। दुर्गा पूजा की शुरुआत तब हुई जब भगवन राम ने रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए पूजा की थी। दुर्गा पूजा का अवसर बहुत ही खुशियों से भरा होता है। खासकर विद्यार्थियों के लिए क्युकी इस मौके पर उन्हें छुट्टियां मिलती है। इस अवसर पर घर में नए कपड़ों की खरीददारी की जाती है। कुछ बड़े स्थानों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है। बच्चों का दुर्गा पूजा के अवसर पर उत्साह दोगुना हो जाता है।

देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग पुरे नौ दिनों का उपवास रखकर पूजा करते हैं। हालाँकि कुछ लोग केवल पहले और आखरी दिन उपवास रखते हैं| पूरे दस दिनों तक चलता है। लेकिन माँ दुर्गा की मूर्ति को सातवें दिन से पूजा जाता है। अंतिम के तीन दिन पूजा का उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर गली मोहल्ले में इसकी अलग ही झलक दिखती है। तरह तरह के पंडाल बनाये जाते हैं। दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मेला और मीना बाजार भी लगता है।

Answered by AnitaShyara
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दुर्गा पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है इसमें माता के नौ रूप की पूजा की जाती है नौ रूप का सम्मान से पूजा की जाती है और माता का स्वागत किया जाता है अपने घर में इसमें लो रात होती है और एक आखिरी रात जिसे हम लोग विजयदशमी भी कहते हैं इन 9 दिनों में पहले दिन से यह पूजा शुरु होती है माता की पूजा रोज की जाती है सुबह और शाम और जब नौवां दिन आता है 9 या 9 से अधिक लड़कियों को बुलाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है क्योंकि यह माना जाता है कि लड़कियों में मां वास करती है लड़कियां माता होती है इसलिए 9 लड़कियों को बुलाकर उनकी पूजा की जाती है उन्हें खिलाया जाता है आदर्श से और यह बात बिल्कुल सच है कि हर लड़कियां माता का रूप होती है इसलिए नौवां दिन को लड़कियों की पूजा की जाती है मतलब माता की पूजा की जाती है और फिर दसवें दिन विजयदशमी को विसर्जन हो जाता है माता जी का और रात को रावण के पुतले को जलाया जाता है क्योंकि विजयदशमी के दिन श्री राम ने रावण का अंत किया था और वनवास से वापस आए थे इसलिए रावण के पुतले को जलाया जाता है इसलिए क्योंकि इस दिन बुराई का अंत हुआ था और सभी लोग अपना सारा दुख रावण के पुतले में डालकर जलाते हैं और खुशी-खुशी रहते हैं सारे बुरे का कर्म को या कुछ भी बुरी चीजों को जला देते हैं और खुशी-खुशी रहते हैंI

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