Hindi, asked by rameshkumar10062003, 4 months ago

दुर्गापूजा निबंध दुर्गा पूजा निबंध ​

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Answered by shahwazraza628
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दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। Durga Puja को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर दुर्गा पूजा सितम्बर या अक्टूबर माह में होती है जिसके लिए लोग तैयारियां महीनों पहले से ही शुरू हो जाती है। दुर्गा पूजा वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है हैं हालाँकि दुर्गा पूजा मुख्य रूप से बंगाल, असम, उड़ीसा, झारखण्ड इत्यादि जगहों पर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा में लोग नौ दिन तक माँ दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे सुख-समृद्दि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। त्यौहार के अंत में देवी दुर्गा की प्रतिमा को नदी या पानी के टैंक में विसर्जित कर दिया जाता है। बहुत से लोग पूरे नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं। दुर्गा पूजा के दसवें दिन दशहरा/विजयादशमी का आयोजन किया जाता है।

Answered by AnitaShyara
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दुर्गा पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है इसमें माता के नौ रूप की पूजा की जाती है नौ रूप का सम्मान से पूजा की जाती है और माता का स्वागत किया जाता है अपने घर में इसमें लो रात होती है और एक आखिरी रात जिसे हम लोग विजयदशमी भी कहते हैं इन 9 दिनों में पहले दिन से यह पूजा शुरु होती है माता की पूजा रोज की जाती है सुबह और शाम और जब नौवां दिन आता है 9 या 9 से अधिक लड़कियों को बुलाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है क्योंकि यह माना जाता है कि लड़कियों में मां वास करती है लड़कियां माता होती है इसलिए 9 लड़कियों को बुलाकर उनकी पूजा की जाती है उन्हें खिलाया जाता है आदर्श से और यह बात बिल्कुल सच है कि हर लड़कियां माता का रूप होती है इसलिए नौवां दिन को लड़कियों की पूजा की जाती है मतलब माता की पूजा की जाती है और फिर दसवें दिन विजयदशमी को विसर्जन हो जाता है माता जी का और रात को रावण के पुतले को जलाया जाता है क्योंकि विजयदशमी के दिन श्री राम ने रावण का अंत किया था और वनवास से वापस आए थे इसलिए रावण के पुतले को जलाया जाता है इसलिए क्योंकि इस दिन बुराई का अंत हुआ था और सभी लोग अपना सारा दुख रावण के पुतले में डालकर जलाते हैं और खुशी-खुशी रहते हैं सारे बुरे का कर्म को या कुछ भी बुरी चीजों को जला देते हैं और खुशी-खुशी रहते हैंI

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