दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
आजकल शिक्षित समाज में विटामिन और प्रोटीन के शब्दों में विचार करने की प्रवृत्ति हो गई
है।"- तात्पर्य समझाइए।
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आजकल शिक्षित समाज में विटामिन और प्रोटीन के शब्दों में विचार करने की प्रवृत्ति हो गई |
Explanation:
- लेखक अपना अनुभव बताते हुए पाठकों को सचेत करते हैं कि अगर खरीदारी करते समय सावधानी नहीं बरततें तो धोखा खाने की संभावना होती है।
- अमीर लोग तो उसका हलवा ही खाते थे; मगर अब पता चला है कि गाजर में भी बहुत विटामिन हैं, इसलिए गाजर को भी मेजों पर स्थान मिलने लगा है। और सेब के विषय में तो यह कहा जाने लगा है कि एक सेब रोज खाइए तो आपको डॉक्टरों की जरूरत न रहेगी।
- ‘कश्मीरी सेब’ कहानी के लेखक प्रेमचंद हैं। वे इस कहानी में बाजार में खरीदारी करते समय होनेवाली धोखाधड़ी पर प्रकाश डालते हैं।
- प्रेमचंद बताते हैं कि आजकल शिक्षित समाज खानपान को लेकर ज्यादा ही जागरूक हो गया है। अब वह अपने भोजन में प्रोटीन और विटामिन का ध्यान रखने लगा है। टमाटर और गाजर को भोजन की मेज पर जगह मिलने लगी है।
- सेब भी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण फल है। प्रेमचंद जब बाज़ार जाते हैं तो दुकानदार को आध सेर सेब देने को कहते हैं। दुकानदार आध सेर सेब प्रेमचंद को लिफाफे में भरकर एवं रूमाल में बांधकर दे देता है।
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