दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
(क) कवि ने अपने बचपन में छिपकर पैसे क्यों बोए थे?
(ख) अचानक मिट्टी में सेम के बीज बोने का विचार कवि को कब आया?
(ग) अंकुरित पौधों की वंश-वृद्धि का वर्णन कवि ने किस तरह किया है?
(घ) कवि को अपनी भूल का अहसास कब और कैसे हुआ?
(ड़) स्वार्थ एवं लोभवश धरती में पैसे बो कर कवि ने रत्न-प्रसविनी धरती का अपमान किस प्रकार किया?
(च) देश की धरती सुनहली फसलें कब उगलेगी?
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एक बार कवि ने अपनी बालयवस्था में पृथ्वी में कुछ पैसे इस आशय से बोया था कि उनमें से रुपयों के फल लगेगें। उनका विचार था कि जिस प्रकार अन्न की खेती होती है ,उस प्रकार पैसों की भी खेती की जा सकती है। किन्तु पैसों के पेड़ नहीं उगे और उनकी आशा पूर्ण न हो सकीय। कुछ समय बाद अपने आँगन में सेम के कुछ बीज बोये।
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ok byyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyy
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