दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) लेखक ने ताजमहल के दृश्य का किस प्रकार वर्णन किया है ?
plz give me answer fastly
Answers
Answered by
3
Answer:कुश्ती के समय ढोल की आवाज और लुट्टन के दाँव-पेंच में अद्भुत तालमेल था। ढोल बजते ही लुट्टन की रगों में खून दौड़ने लगता था। उसे हर थाप में नए दाँव-पेंच सुनाई पड़ते थे। ढोल की आवाज उसे साहस प्रदान करती थी। ढोल की आवाज और लुट्टन के दाँव-पेंच में निम्नलिखित तालमेल था
धाक-धिना, तिरकट तिना – दाँव काटो, बाहर हो जाओ।
चटाक्र-चट्-धा – उठा पटक दे।
धिना-धिना, धिक-धिना — चित करो, चित करो।
ढाक्र-ढिना – वाह पट्ठे।
चट्-गिड-धा – मत डरना। ये ध्वन्यात्मक शब्द हमारे मन में उत्साह का संचार करते हैं।
Explanation:
STAY BLESS
Similar questions