दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) मंदिर की खूबसूरती किस कारण अनूठी और बेजोड़ है?
(ख) लूनवसाही मंदिर किस कारण प्रसिद्ध है?
(ग) दिलवाड़ा के मंदिरों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
Answers
Answer:
ग) दिलवाड़ा मंदिर पाँच मंदिरों का एक समूह है. ये सिरोही जिले के माउंट आबू नगर में स्थित हैं. ... विमल वसाही यहां का सबसे पुराना मंदिर है, जिसे प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित किया गया है. इस मंदिर की मुख्य विशेषता इसकी छत है जो 11 समृद्ध पच्चीकारी वाले संकेन्द्रित वलयों में बनाई गई है.
(ख) दूसरा प्रमुख मन्दिर 22वें जैन तीर्थंकर नेमिनाथ का है, जिसका निर्माण वास्तुपाल और तेजपाल द्वारा 1230 में करवाया गया था। इस मन्दिर को लूणवसही के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ के मन्दिरों के मंडपों, स्तम्भों, छतरियों तथा वेदियों के निर्माण में श्वेत पत्थर पर इतनी बारीक एवं भव्य खुदाई की गई है, जो अन्यत्र दुर्लभ है।
(क) इस मंदिर के अंदर बहुत कम रोशनी में भगवान शिव की एक शानदार मूर्ति विराजमान है। शिव जी की मूर्ति के मुकुट पर मानव खोपड़ियां बनी है, जो मात्र 1 इंच चौड़ी है। इन छोटी-छोटी खोपड़ियों को इस तरह से खोखला किया गया है कि, उससे गुजरने वाली रोशनी आंखों के सुराख से होती हुई मुंह में जाकर कानों से बाहर लौट आती है। हजारों साल पहले हाथ से बनाए गए ये सुराख बहुत ही अद्भुत है। होयसलेशवर मंदिर एक ऊंचे प्लेटफार्म पर बनी है, और इस प्लेटफार्म पर 12 नक्काशीदार परतें बनी हुई हैं। सबसे कमाल की बात ये है कि इन परतों को जोड़ने के लिए चूने या सीमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ था, बल्कि इंटरलॉकिंग के जरिए इसे जोड़ा गया था। पत्थरों की इंटरलॉकिंग न सिर्फ राजा को पसंद आई, बल्कि इसी इंटरलॉकिंग की वजह से आज भी मंदिर मजबूती के साथ खड़ा हुआ है। इसकी बाहरी दीवारों पर सैकड़ों खूबसूरत मूर्तियां बनी हुई हैं।
Answer:
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Explanation:
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