Hindi, asked by harshvardhansingh61, 1 month ago

दीर्घउत्तरीय प्रश्न-
1. सर चंद्रशेखर वेंकटरमन में अनुसंधान कर्ता की लगन, सौंदर्याप्रियता, वृद्ध की सनक और शिशु की सरलता थी' पाठ में वर्णित प्रसंगों से इस कथन की पुष्टि कीजिए।
class 7
chapter 8
sir chandrashehar vainkataram


Answers

Answered by manishadhiman31
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Answer:

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक नैनोटैक्नोलॉजी का रमन प्रभाव के साथ उपयोग करके ट्यूमर्स की जांच के लिए अनुसंधान कर रहे हैं जिसके द्वारा कुछ कैंसरयुक्त कोशिकाओं की उपस्थिति भी दर्ज की जा सकेगी। इसके लिए ऐसे विशिष्ट नैनोकण अभिकल्पित किए गए हैं जो इन्जेक्शन द्वारा रक्त प्रवाह में पहुंचा देने पर केवल कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उनसे ही जुड़ेंगे। जब लेसर प्रकाश त्वचा पर डाला जाएगा तो ये नैनो कण विशिष्ट रमन सिग्नल परावर्तित करेगे जिनके आधार पर कैंसर कोशिकाओं की उपस्थिति पहचानी जा सकेगी।

वैज्ञानिक ब्रह्माण्ड में विद्यमान प्रत्येक प्रेक्षित पदार्थ का रमन स्पेक्ट्रम प्राप्त कर उसका डॉटाबेस तैयार कर रहे हैं। ब्रह्मांड की इस फिंगर प्रिंटिंग के बाद कहां क्या है, क्या घट बढ़ रहा है आदि ब्रह्मांड संबंधी सूक्ष्म जानकारी ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं की एक अत्यंत सूक्ष्मदृष्टि प्रस्तुत करेंगे। नशीली दवाईयों, प्रदूषणों और विस्फोटकों आदि के डॉटाबेस पहले ही तैयार हो चुके हैं अब छोटे-छोटे रमन स्कैनरों का उपयोग करके स्मगलरों और आतंकवादियों को पकड़ना आसान हो गया है।

रोटरडम की 'रिवर डायग्नोस्टिक' नाम कम्पनी ने एक ऐसा बैक्टीरिया एनालाइजर विकसित किया है, जिसके द्वारा तत्काल रोगी के शरीर में विद्यमान रोगकारी सूक्ष्मजीवों की पहचान की जा सकेगी।

आशा है कि शीघ्र ही रक्त परीक्षण गुजरे कल की बात हो जाऐंगे, क्योंकि बाहर से ही रोगी के रक्त का रमन स्पेक्ट्रम लेकर इसमें विद्यमान ग्लुकोज, कोलेस्टरॉल, यूरिक अम्ल आदि का सटीक आकलन किया जा सकेगा।

समय के साथ रमन प्रभाव के अनुप्रयोग बढ़ते जा रहे हैं और यह 21वी शताब्दीं में रमन प्रभाव की विरासत के महत्त्व को दर्शाता है।

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