दुर्खिम के धर्म के सिद्धांत का आलोचनात्मक मूल्यांकन
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पवित्रता की भावना-दुर्खीम ने इस तथ्य पर विशेष बल दिया कि धर्म का संबंध उन सभी विश्वासों, वस्तुओं और आचरणों से होता है जिन्हें पवित्र माना जाता है। ... तर्क का अभाव-धर्म का संबंध अलौकिक विश्वासों से होने के कारण इन्हें किसी परीक्षण अथवा वैज्ञानिक ज्ञान के द्वारा प्रमाणित नहीं किया जा सकता। विश्वास ही धर्म की नींव है।
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