Hindi, asked by piyushfatwani001, 3 months ago

दिर मार
धरती बाँटी सागर बाँटा मत बॉटो इंसान को 1
अभी राह तो शुरू हुई है, मंजिल बैठी दूर है।
उजियाला महलों में बंदी, हर दीपक मजबूर है।
मिला ना सूरज का संदेश, हर घाटी मैदान को
धरती बॉटी सागर बॉटा मत बाँटो इंसान को
अभी हरी-भरी धरती है ऊपर नील वितान है
पर जब ना प्यार हो तो जग सूना, जलता रेगिस्तान।
(1) - कवि किस बात से खिन्न है?
(क)-धरती के फटने से
(ख)- सागर के बँटने से (ग)- मंदिर के बनने से (घ)- इंसान के विभाजन
(2)-उजाले की किरण कहाँ पर कैद है?
(क)- शीश महल में
(ख)- महलों में
(ग)-सागर में
(घ)-इमारतों में
(3)- सूरज का संदेश किसे नहीं मिला है?
(क)- घाटी को
(ख)-मैदान को
(ग)-हारे घाटी मैदान को (घ)- इंसान को
(4)- जलता हुआ रेगिस्तान किस प्रतीक के रूप में आया है?
(क)-प्रेम के लिए
(ख)-प्यार के रूप के लिए
(ग)- आपसी प्रेम हेतु (घ)- प्रेम के अभाव का
(5)- भगवान को किसने बॉट लिया है​

Answers

Answered by manjusaini0923
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Answer:

1-घ

2- ख

3- ग

4- घ

5- इंसानों ने।

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