Hindi, asked by khushi12345267, 4 days ago

द्रोणाचार्य लड़ाई बंद करने के लिए क्यों विवश हो गए​

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Answered by ElectroNinja
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द्रोणाचार्य ऋषि भारद्वाज तथा घृतार्ची नामक अप्सरा के पुत्र तथा धर्नुविद्या में निपुण परशुराम के शिष्य थे।[1] कुरू प्रदेश में पांडु के पुत्रों तथा धृतराष्ट्र पुत्रों के वे गुरु थे। महाभारत युद्ध के समय वह कौरव पक्ष के सेनापति थे। गुरु द्रोणाचार्य के अन्य शिष्यों में एकलव्य का नाम उल्लेखनीय है। उसने द्रोणाचार्य द्वारा गुरु दक्षिणा माँगे जाने पर अपने दाएं हाथ का अंगूठा काट कर दे दिया। कौरवों और पांडवों ने द्रोणाचार्य के आश्रम मे ही अस्त्रों और शस्त्रों की शिक्षा पाई थी। अर्जुन द्रोणाचार्य के प्रिय शिष्य थे। वे अर्जुन को विश्व का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बनाना चाहते थे।[2]

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