Sociology, asked by neetuthakur5428, 10 months ago

दुर्थीम ने श्रम विभाजन की व्याख्या किस आधार पर की?
(अ) आर्थिक
(ब) सामाजिक
(स) राजनीतिक
(द) औद्योगिक।

Answers

Answered by shishir303
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इस प्रश्न का सही उत्तर है, विकल्प...

(ब) सामाजिक

Explanation:

दुर्धीम ने सामाजिक श्रम विभाजन की व्याख्या सामाजिक आधार पर की थी।

इमाइल दुर्धीम, जिनका जन्म फ्रांस में हुआ था, एक समाजशास्त्री थे और पहले विचारक थे। वे पहले विद्वान थे, जिन्होंने श्रम विभाजन की व्याख्या सामाजिक आधार पर करने का प्रयास किया। दुर्धीम का मानना था कि व्यक्ति व समाज के बीच संबंधों के आधार पर ही समाज में श्रम का विभाजन होता है। दुर्धीम में सामाजिक एकता के लिए श्रम विभाजन को आधार माना तथा समाज के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए कानून के स्वरूप, एकता के स्वरूप, मानवीय संबंधों के स्वरूप, अपराध, दंड, सामाजिक विकास आदि अवधारणा की व्याख्या। दुर्धीम के श्रम विभाजन का मतलब यह है कि सामाजिक कार्यों का विभाजन होता है अर्थात समाज में विभिन्न तरह के कार्य होते हैं उन कार्यों को अलग-अलग तरह के व्यक्तियों द्वारा किया जाना ही श्रम विभाजन है। श्रम विभाजन में ही सामाजिक एकता छिपी है और सब अपने-अपने लिये निश्चित कार्यों को करके प्रसन्न रहते हैं। भारत की प्राचीन वर्ण व्यवस्था इस सामाजिक श्रम विभाजन का एक बेहतरीन उदाहरण है।

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