Hindi, asked by anilkola799, 8 months ago

दुर्योधन की सोच में था ?​

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Answered by saritasoni24
3

Answer:

ur incorrect question dear

Answered by anuajmani82
0

Answer:

महाभारत से इतर भी महाभारत से जुड़ी कई कथाएं मिलती है। मान्यताओं पर आधारित ऐसा कई कथाएं समाज में प्रचलित है। पौराणिक मान्यता अनुसार जब कौरवों की सेना पांडवों से युद्ध हार रही थी तब दुर्योधन भीष्म पितामह के पास गया और उन्हें कहने लगा कि आप अपनी पूरी शक्ति से यह युद्ध नहीं लड़ रहे हैं। मैं जानता हूं कि आपका पांडवों के प्रति अनुराग है और आप उन्हें ही जीताना चाहते हैं।

यह सुनकर भीष्म पितामह भयंकर क्रोधित और निराश हुए। तब उन्होंने अपनी निष्ठा एवं दृढ़ता को प्रकट करने के लिए तुरंत ही पांच सोने के तीर लिए और उन्हें मंत्रों की शक्ति से युक्त करने लगे। मंत्र पढ़ने के बाद उन्होंने दुर्योधन से कहा कि कल युद्ध में इन पांच तीरों से वे पांडवों को मार देंगे। पांडवों के मारे जाने से युद्ध का अंत हो जाएगा और तुम्हारी जीत निश्‍चित हो जाएगी।

लेकिन दुर्योधन की मूर्खता की भी कोई सीमा नहीं थी। उसने महाभारत में कई गलतियां की थी। उन्हीं गलतियों में से एक यह गलती भी थी कि उसने भीष्म की बातों पर विश्वास नहीं किया और इसे मजाक समझा। ऐसे में उसने भीष्म से वह पांचों तीर ले लिए और कहा कि वह उन्हें कल सुबह यह तीर दे देगा। अभी यह पांचों तीर मेरे ही पास रहेंगे।

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