Hindi, asked by guptaminakshi001, 1 month ago

दुर्योधन, दुःशासन और कर्ण के चरित्र आपको कैसे लगे?​

Answers

Answered by shivangir319
0

Explanation:

दुर्योधन

( संस्कृत : दुर्योधन अर्थात् जिसके साथ लड़ाई बेहद मुश्किल है, शाब्दिक अर्थ है दूर = अत्यंत कठिन, योधन = युद्ध / लड़ो , दुर्योधन को सुयोधन को रूप में भी जाना जाता है जो हिंदू महाकाव्य में एक प्रमुख प्रतिपक्षी है) महाभारत के पात्र राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा कौरव था। राजा का पहला पुत्र होने के नाते, वह कुरु वंश और उसकी राजधानी हस्तिनापुर का राजकुमार था। परंतु दुर्योधन अपने चचेरे भाई और कुरु वंश के सबसे बड़े पुत्र युधिष्ठर से छोटा था। कर्ण दुर्योधन का सबसे करीबी मित्र था। दुर्योधन महाभारत युद्ध का एक प्रमुख योद्धा व पात्र था । महाभारत के युद्ध का कारण भी दुर्योधन की महत्वाकांक्षाए थी। अंत: दुर्योधन के दो बड़े अवगुण क्रोध और अहंकार ही उसके पतन का कारण बने।

दुःशासन

अथवा दुशासन प्रसिद्ध एवं प्राचीन हिन्दू महाकाव्य महाभारत के अनुसार कुरुवंश में कौरव वंश के अंतर्गत हस्तिनापुर के कार्यकारी राजा धृतराष्ट्र का पुत्र था। इसी ने जुए के उपरांत दुर्योधन के कहने पर द्रौपदी का चीर हरण किया था।[1] यह दुर्योधन के 100 भाइयों में से दुर्योधन से छोटा था।[2] दु:शासन का मुख्य अस्त्र गदा थी | इसके भाई बहिन थे दुर्योधन , विकर्ण , कर्ण , दुषशला जो कौरवों और पांडवों की एकलौती बहन थी | जो सिन्धुनरेश जयद्रथ की पत्नी थी | युयुत्सु सभी १०१ कौरव भाई बहन का सौतेला भाई था जो एक दासी से उत्पन्न हुआ था | युयुत्सु को छोड़कर सभी १०० कौरवों का वध भीमसेन के द्वारा हुआ था |

Similar questions