India Languages, asked by ajaypawar132132, 5 hours ago

दूरभाष को विज्ञान की सौगात क्यों कहा जाता है ​

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Answered by bhatiamona
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दूरभाष को विज्ञान की सौगात क्यों कहा गया है ?

दूरभाष को विज्ञान की सौगात इसलिए कहा गया है, क्योंकि दूरभाष के माध्यम से ही सैकड़ों और हजारों मील दूर रहकर भी एक दूसरे से संपर्क स्थापित करना बेहद आसान हो गया था। इस कारण अपने संदेश को सैकड़ों हजारों मील दूर पहुंचाना पल भर का कार्य हो गया, जिससे सारे काम तेज गति से होने लगे और विकास भी तेज गति से हुआ।

दूरभाष के आविष्कार से पहले अपने संदेशों का आदान-प्रदान और पारंपरिक साधनों द्वारा किया जाता था, जिसमें काफी समय लगता था। सैकड़ों-हजारों मील दूर बैठे किसी व्यक्ति से संवाद स्थापित करने को पत्र आदि पारंपरिक साधनों का प्रयोग किया जाता था, जिसमें अपनी बात कहने और उसका उत्तर पाने में काफी समय लगता था। लेकिन जब दूरभाष का अविष्कार हुआ तो संपर्क करना तेज और सुलभ हो गया, इसी कारण दूरभाष द्वारा कई दिनों का कार्य चंद सेकंड में होने लगा। इससे विकास की गति को भी बल मिला। इसी कारण दूरभाष को विज्ञान की सौगात कहा जाता है।

Answered by sourasghotekar123
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Answer:

दूरभाष में डायफ्राम होने के कारण उसे विज्ञान की सौगात कहते हैं।

Explanation:

दूरभाष में डायफ्राम नाम का एक यंत्र होता है जिसके द्वारा हम ध्वनि का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

आसान शब्दों में कहा जाए तो डायफ्राम के द्वारा हम दूरभाष में किसी व्यक्ति की ध्वनि सन सकते हैं और अपनी ध्वनि दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं।

दूरभाष आज के समय में एक जरूरी उपकरण बन चुका है जहां पर ना सिर्फ हम ध्वनि का आदान-प्रदान कर सकते हैं बल्कि ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों तक अपना ज्ञान प्रदान कर सकते हैं।

जैसे-जैसे समय बिता जा रहा है वैसे-वैसे दूरभाष में नए परिवर्तन ले जा रहे हैं ताकि मनुष्य का जीवन और सरल तथा अच्छा हो सके।

दूरभाष को टेलीफोन या दूरसंचार भी कहा जाता है। इसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति एक ही समय पर वार्तालाप कर सकते हैं। यह एक घरेलू उपकरण बन चुका है।

टेलीफोन के अस्तित्व के विचार का मूल रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के अलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा इस टिप्पणी में उल्लेख किया गया था: "यदि मैं ध्वनि की गति के अनुसार विद्युत प्रवाह की ताकत को समायोजित कर सकता हूं, जैसा कि ध्वनि संचरण के दौरान हवा करती है। यदि यह घना है, मैं श्रव्य शब्दों को टेलीग्राफ द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में भी सक्षम होऊंगा।"

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