Hindi, asked by adityaishan007, 11 months ago

“दिरघ दोहा अरथ के आखर थोरे आही” अर्थ स्पष्ट कीजिए।

Answers

Answered by ShakuntalamGhosh
13

Answer:

दिरघ दोहा अरथ के आखर थोरे आही” अर्थ स्पष्ट कीजिए।

Explanation:

रहीम जी का कहना है कि उनके दोहों में भले ही कम अक्षर या शब्द हैं, परंतु उनके अर्थ बड़े ही गूढ़ और दीर्घ हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे कोई नट अपने करतब के दौरान अपने बड़े शरीर को सिमटा कर कुंडली मार लेने के बाद छोटा लगने लगने लगता है।

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Answered by learner2929
6

" दीर्घ दोहा अरथ के आखर थोरे आही " इस दोहे का यह अर्थ है ==>

रहीम जी यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि कुछ हस्ताक्षर बहुत छोटे होते हैं परन्तु उनके अर्थ बहुत दीर्घ व विशाल होते हैं। इस बात की पुष्टि करने के लिए हम इस उदाहरण का नेतृत्व कर सकते हैं कि एक छोटा सा पुर्जा भी एक बड़े यंत्र को संभाल सकता है। वह यह इसीलिए कहते हैं क्योंकि एक कविता में छोटे शब्दों का प्रयोग होता है ना कि बड़े - बड़े अनुच्छेदों का।

आशा करता हूं कि आपको यह उत्तर सहायतक लगा होगा।

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