Hindi, asked by negipushpa605, 9 months ago

दूरदर्शन निदेशालय के अध्यक्ष को पत्र लिखिए कि वे दूरदर्शन पर अधिक से अधिक मानवीय संस्कार की प्रेरणा देने वाले कार्यक्रमों का प्रसारण करें ​

Attachments:

Answers

Answered by ANGRY74
4

पिता - बेटे अतुल, कैसा रहा तुम्हारा परीक्षा-परिणाम?

पुत्र - बहुत अच्छा नहीं रहा, पिताजी।

पिता - क्यों? बताओ तो कितने अंक आए हैं?

पुत्र - हिन्दी में सत्तर, अंग्रेजी में बासठ, कामर्स में अस्सी, अर्थशास्त्र में बहत्तर......

पिता - अंग्रेजी में इस बार इतने कम अंक क्यों हैं? कोई प्रश्न छूट गया था?

पुत्र - पूरा तो नहीं छूटा ..... सबसे अंत में 'ऐस्से' लिखा था, वह अधूरा रह गया।

पिता - तभी तो...... । अलग-अलग प्रश्नों के समय निर्धारित कर लिया करो, तो यह नौबत नहीं आएगी। खैर, गणित तो रह ही गया।

पुत्र - गणित अच्छा नहीं हुआ था। उसमें केवल पचास अंक आए हैं।

पिता - यह तो बहुत खराब बात है। गणित से ही उच्च श्रेणी लाने में सहायता मिलती है।

पुत्र - पता नहीं क्या हुआ, पिताजी। एक प्रश्न तो मुझे आता ही नहीं था। शायद पाठ्यक्रम से बाहर का था।

पिता - एक प्रश्न न करने से इतने कम अंक तो नहीं आने चाहिए।

पुत्र - एक और प्रश्न बहुत कठिन था। उसमें शुरू से ही ऐसी गड़बड़ी हुई कि सारा प्रश्न गलत हो गया।

पिता - अन्य छात्रों की क्या स्थिति है ?

पुत्र - बहुत अच्छे अंक तो किसी के भी नहीं आए पर मुझसे कई छात्र आगे हैं।

पिता - सब अभ्यास की बात है बेटे! सुना नहीं 'करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।' तुम तो स्वयं समझदार हो। अब वार्षिक परीक्षाएँ निकट है। दूरदर्शन और खेल का समय कुछ कम करके उसे पढ़ाई में लगाओ।

पुत्र - जी पिताजी! मैं कोशिश करूँगा कि अगली बार गणित में पूरे अंक लाऊँ।

पिता - मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।

Similar questions