दूरदर्शन पर निबंध कैसे लिखना चाहिए.
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दूरदर्शन हमारे घरों का आवश्यक उपकरण बन चुका हैं. छोटे पर्दे के सिनेमा के नाम से यह घर घर प्रतिनिधित्व कर रहा हैं. छात्रवर्ग तो दूरदर्शन का दीवाना हैं. उनके आचार-विचार, भाव भंगिमा नख शिख सज्जा भाषा और व्यवहार का दीक्षा गुरू दूरदर्शन बन चुका हैं.
दूरदर्शन का विस्तार– भारत में दूरदर्शन का आगमन वर्ष 1959 के आस-पास हुआ था. तब यह एक वैज्ञानिक चमत्कार मात्र की वस्तु थी. केवल सम्पन्न व्यक्ति अथवा सरकारी प्रतिष्ठान ही इसका आनन्द लेने के अधिकारी थे. किन्तु पिछले वर्षों में दूरदर्शन सुरसा के मुख की भांति विस्तार को प्राप्त हुआ हैं.
दूरदर्शन के लाभ– आज दूरदर्शन सर्वव्यापक रूप में जनजीवन का अनिवार्य अंग बन चूका हैं. सामजिक जीवन का कोई भी अंग, कोई भी क्षेत्र इससे प्रभावित हुए बिना नही रह सकता हैं.
मनोरंजन के क्षेत्र में– मनोरंजन के क्षेत्र में तो इसने अपने सभी प्रतियोगियों को पछाड़ दिया हैं. सिनेमा से भी सुलभ और सुविधाजनक मनोरंजन दूरदर्शन से प्राप्त होता हैं. घर पर निश्चिंतता से बैठकर विविध प्रकार के मनोरंजन के लाभ और कोई उपकरण नही करा सकता. फिल्म, नृत्य, नाटक, कवि सम्मेलन, विविध खेल और प्रतियोगिताएं दर्शन द्रश्य, पर्यटन आदि मनोरंजन के विविध स्वरूप घर बैठे उपलब्ध रहते हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में– शिक्षा के क्षेत्र में भी दूरदर्शन ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. सक्रिय और प्रभावी शिक्षण प्रणाली में दूरदर्शन का मुकाबला कोई नही कर सकता.
कृषि के क्षेत्र में- कृषि सम्बन्धी जानकारियाँ, मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणीयां, पारिवारिक समस्याएं, रसोईघर की ज्ञान वृद्धि तथा सौदर्य सुरक्षा आदि की जानकारी देने से दूरदर्शन की उपयोगिता सभी को अनुभव हो रही हैं.
राजनीति के क्षेत्र में- राजनीतिक दृष्टि से तो दूरदर्शन का आज भी भारी महत्व हैं. जनमत के निर्माण, राजनेताओं के विचार और आचार के दर्शन, विश्व की राजनैतिक घटनाओं से परिचय आदि के द्वारा निरंतर राजनैतिक जागरूकता बनाए रखने में दूरदर्शन की ही भूमिका हैं.
व्यापार के क्षेत्र में दूरदर्शन- दूरदर्शन आज व्यापार का अभिन्न अंग बन चूका हैं. कौन सा वस्त्र, कौन सा भोजन, कौनसी सज्जा सामग्री, चाय, टूथपेस्ट और मसाले आपके लिए उपयोगी हैं. यह सलाह दूरदर्शन बिना कोई शुल्क लिए निरंतर दे रहा हैं.
दूरदर्शन से हानियां- दूरदर्शन का सबसे घातक प्रभाव युवावर्ग पर पड़ा हैं. युवक युवतियों का खान पान, वस्त्र, हाव भाव भाषा और चरित्र सभी कुछ दूरदर्शन से प्रभावित हो रहा हैं.