Hindi, asked by ishaan5082, 5 days ago

दूरदर्शन से होने वाले लाभ और हानि पर अपने विचार सौ शब्दो मे लिखिए।​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

दूरदर्शन से शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य के मन में दूर की वस्तुओं को देखने की बहुत इच्छा होती है। विज्ञान की वजह से ही दूर की वस्तुओं, स्थानों और व्यक्तियों को आसानी से देखा जा सकता है। दूरदर्शन से दूर की घटनाएं हमारी आँखों के सामने प्रस्तुत की जा सकती है

Answered by mehulkumarvvrs
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भूमिका : 

विज्ञान ने आज के युग में बहुत उन्नति कर ली है। विज्ञान ने अनेकों अदभुत आविष्कार किये हैं। आज का युग काम करने का युग है। आज का मनुष्य दिन भर की भाग-दौड़ की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से थकावट महसूस करता है। इस थकावट को दूर करने के लिए वह नवीनता की इच्छा रखता है।

शारीरिक थकावट को तो आराम करके दूर किया जा सकता है लेकिन मानसिक थकावट को दूर करने के लिए मनोरंजन की जरूरत होती है। समय के कम होने की वजह से व्यक्ति को ऐसे साधन की जरूरत होती है जो उसका घर बैठे ही मनोरंजन कर सके। दूरदर्शन आज के युग का सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार है जो एक मनोरंजन का साधन है।

मनुष्य की उद्देश्य पूर्ति के लिए विज्ञान ने एक चमत्कार उत्पन्न किया है। दूरदर्शन से शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य के मन में दूर की वस्तुओं को देखने की बहुत इच्छा होती है। विज्ञान की वजह से ही दूर की वस्तुओं, स्थानों और व्यक्तियों को आसानी से देखा जा सकता है। दूरदर्शन से दूर की घटनाएं हमारी आँखों के सामने प्रस्तुत की जा सकती है।

दूरदर्शन पर पाठ्यक्रम की जीती-जागती तस्वीर को देखकर विद्यार्थी की रूचि बढ़ जाती है और उन्हें भली-भांति समझ आ जाती है। दूरदर्शन पर अनपढ़ों के लिए साक्षरता के कार्यक्रम पेश किये जाते हैं। दूरदर्शन पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् के द्वारा बच्चों, युवाओं, और प्रौढ़ों के लिए भी पाठों का प्रसारण किया जाता है।

शिक्षा के अलावा दूरदर्शन से कृषि के आधुनिक यंत्रों और दवाईयों के बारे में भी जानकारी मिलती है। दूरदर्शन पर ऐसे अनेक प्रकार के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं जिनसे आज की युवा पीढ़ी अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते हैं। दूरदर्शन से विद्यार्थी संसार की छोटी से छोटी जानकारी और समाचार पत्र प्राप्त कर सकता है।

भारतीय इतिहास, भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर आधारित कार्यक्रमों से आज के समय का युवा वर्ग अपने प्राचीन समय की जानकारी प्राप्त कर सकता है। इस तरह से दूरदर्शन ने युवा पीढ़ी के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डाला है। भारत में कई करोड़ लोग निरक्षर होते हैं जिन्हें साक्षर बनाने के लिए दूरदर्शन का प्रयोग बनाया जाता है।

उपयोग : दूरदर्शन के मानव जीवन में उतने ही प्रयोग होते हैं जितने कि मानव जीवन में आँखों के प्रयोग होते हैं। दूरदर्शन पर हम नाटक, खेल-कूद, गाने आदि के कार्यक्रमों को देखकर अपना मनोरंजन कर सकते हैं। नेता भी अपना संदेश दूरदर्शन से लोगों तक प्रभावशाली ढंग से पहुँचा सकते हैं।

शिक्षा में भी दूरदर्शन का प्रयोग सफलता के साथ किया जाता है। आज के समय में लाखों और करोड़ों विद्यार्थी अपनी-अपनी कक्षा में बैठे किसी भी अच्छे अध्यापक को पढ़ाते हुए देख और सुन सकते हैं। समुंद्र के अंदर जब खोज की जाती है तब दूरदर्शन का प्रयोग किया जाता है।

अगर किसी डूबे हुए जहाज का पता लगाना होता है तब टेलीविजन कैमरे को पानी में उतारा जाता है। उसके द्वारा समुंद्र के अंदर की जानकारी ऊपर बैठे लोगों के पास पहुंच जाती है। अंतरिक्ष की जानकारी भी टेलीविजन से प्राप्त की जा सकती है।दूरदर्शन का प्रयोग हर वर्ग, हर उम्र, हर स्तर का व्यक्ति रूचि के साथ चौबीसों घंटे देख सकता है।

कुप्रभाव : दूरदर्शन विज्ञान की एक महान देन है लेकिन किसी भी वस्तु का दुरूपयोग करना संभव होता है। अगर व्यवहारिक रूप से देखें तो आज के युवाओं के लिए दूरदर्शन प्रयोगी और सहायक की जगह पर बाधक ज्यादा सिद्ध हुआ है। बच्चों और बड़ों की गतिविधियाँ कमरे तक ही सिमित हो गई हैं।

ज्यादातर विद्यार्थी ऐसे कार्यक्रमों में रूचि लेते हैं जो शिक्षा से संबंध न रखकर कार्यक्रमों से संबंधित होते हैं। वे ऐसे कार्यक्रमों को चुनते हैं जो रसीले और रोचक होते हैं जैसे- फिल्में, गाने, खेल, सीरियल आदि। ऐसे कार्यक्रमों में हिंसा को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, अशलील दृश्य को दिखाने पर अधिक बल दिया जाता है और झूठ, फरेब, कपट और धोके के नए-नए तरीके बताये जाते हैं।

अगर लोग अपने धर्मों को भूलकर कार्यक्रमों को ही देखने में लगे रहेंगे तो घर के सारे काम रुक जायेंगे। घटिया कार्यक्रमों से बच्चों की मानसिकता खराब होती है। बच्चे कमजोर और सुस्त बन जाते हैं। इन सब का बहुत बड़ा असर हमारे युवा वर्ग पर पड़ रहा है। समाज में चोरी, डकैती, लूट-मार सब कुछ इसी का परिणाम है।

किसी भी घर में तनाव का वातावरण बन जायेगा और दूरदर्शन का सबसे बुरा प्रभाव सबसे पहले आँखों पर पड़ता है। शहर के छोटे-छोटे घरों में टी० वी० को नजदीक से देखना पड़ता है जिसका बहुत बुरा प्रभाव आँखों पर पड़ता है। केवल पर चलने वाले अशलील और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों पर सरकार की कोई भी रोक नहीं होती है और इन्हें देखकर युवा वर्ग भ्रमित हो जाते है। इस पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।

दूरदर्शन पर सभी प्रोग्राम विद्यार्थियों के देखने योग्य नहीं होते हैं। ऐसे कार्यक्रमों को देखने से बच्चों के कोमल मन और मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर बच्चे हर समय दूरदर्शन और पर लगे रहेंगे तो उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। अगर दूरदर्शन खराब हो जाये तो इसकी मरम्मत करवाने में बहुत खर्चा होता है।

उपसंहार : 

जो तर्क हमने दिए हैं वो दूरदर्शन पर नहीं बल्कि दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों पर हैं जो युवाओं को भ्रमित करते हैं। अगर हम दूरदर्शन को नकारेंगे तो उससे मिलने लाभों को भी समाप्त कर देंगे। हम दूरदर्शन के लाभों से यह बता सकते हैं कि दूरदर्शन विज्ञान का एक बहुत ही अमूल्य अविष्कार है।

इसका प्रयोग देश की प्रगति के लिए भी किया जाना चाहिए। हमारी युवा पीढ़ी को संयम में रहकर ज्ञान के कार्यक्रमों को देखने की जरूरत है। दूरदर्शन तो एक ऐसा साधन है जिससे मनुष्य अपने जीवन को आनंद और उज्ज्वल कर सकता है। वास्तविक बात तो यह है कि किसी भी वस्तु में गुण ही गुण नहीं बल्कि दोष भी होते हैं। अमृत का प्रयोग अगर सीमा से ज्यादा किया जाये तो वह भी हानिकारक होता है।

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