द्रवरागी (लायोफिलिक) एवं द्रवविरागी (लायोफोबिक) कोलॉयड में अन्तर स्पष्ट करें।
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यहाँ हम अध्ययन करेंगे की द्रव रागी एवं द्रवविरागी कोलाइडी विलयन में क्या क्या अंतर होते है।
द्रवरागी कोलाइड विलयन द्रव विरागी कोलाइड विलयन
1. इस विलयन के कणों का आकारवास्तविक विलयन के कणों केआकार से बड़ा होता है।
इसमें कणों का आकार तो छोटा होता है लेकिन इसमें कण झुण्ड या ग्रुप बनाकर बड़े आकार को ग्रहण कर लेते है।
2. इस विलयन का स्कंदन करना आसान नही होता है , ऐसे विलयन में स्कंदन करने के लिए विद्युत अपघट्य की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।
ऐसे विलयन का स्कन्दन करना आसान होता है , इनमें विद्युत अपघट्य की थोड़ी सी मात्रा डालने पर ही इसका स्कंदन हो जाता है।
3. इनमें परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के कणों के मध्य आकर्षण बल पाए जाते है।
इनमें परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के कणों के मध्य प्रतिकर्षण बल या दुर्बल आकर्षण बल पाए जाते है।
4. ये उत्क्रमणीय प्रकृति के होते है अर्थात स्कंदन होने के बाद विलयन को हिलाने से पुन: कोलाइड विलयन बन जाता है।
ये अनुत्क्रमणीय प्रकृति के होते है , अर्थात जब एक बार इनका स्कन्दन हो जाता है तो स्कंदित ठोस पदार्थ से पुन: कोलाइड विलयन तैयार नहीं किया जा सकता है।
5. इस विलयन में टिण्डल प्रभाव कम स्पष्ट रूप से पाय जाता है।
इसमें टिंडल प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
6. इनके कणों पर आवेश का मान pH के मान पर निर्भर करता है और इन कणों पर आवेश शून्य भी हो सकता है।
इन कणों पर धनावेश या ऋणावेश पाया जाता है।
7. इनकी श्यानता हमेशा जल या विलायक से उच्च होती है।
इनकी श्यानता जल या विलायक के बराबर होती है।
उदाहरण : सरेश , जिलेटिन , स्टार्च आदि।
उदाहरण : अघुलनशील लवणों के कोलाइड आदि।
'द्रवरागी (लायोफिलिक)' एवं 'द्रवविरागी (लायोफोबिक)' कोलॉयड में अन्तर -
- 'लियोफोबिक कोलाइड्स' विलायक प्यार करने वाले कोलाइड हैं। 'लियोफोबिक कोलाइड्स' विलायक से नफरत करने वाले कोलाइड हैं।
- ' लियोफिलिक कोलाइड' थर्मोडायनामिक रूप से स्थिर होते हैं। 'लियोफोबिक कोलाइड' थर्मोडायनामिक रूप से अस्थिर होते हैं।
- 'लियोफिलिक' सॉल में वर्षा एक प्रतिवर्ती प्रक्रिया है। 'लियोफोबिक' सॉल में वर्षा एक अपरिवर्तनीय प्रक्रिया है।
- 'लियोफिलिक कोलॉइड' और द्रव के बीच प्रबल आकर्षण बल होता है। 'लियोफोबिक कोलॉइड' और द्रव के बीच आकर्षण कम या ना के बराबर होता है।
- 'लियोफिलिक कोलाइड' अत्यधिक चिपचिपे होते हैं। 'लियोफोबिक कोलाइड' में विलायक के समान चिपचिपाहट होती है।
- 'लियोफिलिक कोलाइड्स' एक लियोफिलिक सॉल बनाते हैं। 'लियोफोबिक कोलाइड' एक लियोफोबिक सॉल बनाते हैं।
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