History, asked by Anonymous, 9 months ago

दो सूचियाँ बनाइए : एक सूची में फरवरी क्रांति की मुख्य घटनाओं
और प्रभावों को लिखिए और दूसरी सूची में अक्टूबर क्रांति की प्रमुख
घटनाओं और प्रभावों को दर्ज कीजिए।​

Answers

Answered by gurjeetjatanabank001
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Answer:

from Russian revolution

Explanation:

1905 ई. की क्रांति

रूस मे 1905 ई. में एक क्रांति हुई थी, जिसके द्वारा रूस में वैधानिक राजतंत्र की स्थापना करने का प्रयास किया गया था किन्तु पारस्परिक झगड़ों के कारण यह क्रांति सफल नहीं हो सकी और शासन पर पुनः जार का आधिपत्य स्थापित हो गया। इस क्रांति का स्पष्ट परिणाम यह हुआ कि उसने रूस की साधारण जनता को राजनीतिक अधिकारों का परिचय करा दिया था। उनको ज्ञात हो गया कि मत (वोट) का क्या अर्थ है? ड्यूमा या दूसरे शब्दों में पार्लियामेंट के सदस्यों का निर्वाचन किस प्रकार किया जाना चाहिये? सरकार को लोकमत के अनुसार अपनी नीति का निर्धारण कर जनहित के कार्यों को करने के लिये अग्रसर होना चाहिये। अपने राजनीतिक अधिकारों से परिचित हो जाने के कारण रूस की जनता समझ गई कि रूस में भी पूर्णतया लोकतंत्र शासन की स्थापना होनी चाहिये जहां साधारण जनता के हाथ में शासन सत्ता हो।

सेना द्वारा जनता पर गोली चलाने से इंकार

अंत में 7 मार्च 1917 ई. को जनता की दशा बहुत ही शोचनीय हो गई थी। उसके पास न पहनने को कपड़ा था और न खाने को अनाज था। वह भूख और कपड़े से व्याकुल हो चुकी थी। परेशान होकर भूखे और ठण्ड से ठिठुरते हुए गरीब और मजबूरों ने 7 मार्च के दिन पेट्रोग्रेड की सड़कों पर घूमना आरंभ किया। रोटी की दुकानों पर ताजी और गरम रोटियों के ढेर लगे पड़े थे। भूखी जनता का मन ताजी और गरम चाय व रोटियों को देखकर ललचा गया और वह अपने आपको नियंत्रण में नहीं रख सकी। उन्होंने बाजार में लूट-मार करनी आरंभ कर दी। सरकार ने सेना को उन पर गोली चलाने का आदेश दिया कि वह गोली चलाकर लूटमार करने वालों को तितर-बितर कर दे, किन्तु सैनिकों ने गोली चलाने से साफ मना कर दिया क्योंकि उनको जनता से सहानुभूति थी। उनमें भी क्रांति की भावना प्रवेश कर चुकी थी। जब मजदूरों ने यह देखा कि सैनिक उन पर गोली चलाने को तैयार नहीं हैं, तो उनका साहस बहुत बढ़ गया। अतः अब क्रान्ति अवश्यम्भावी हो गई थी।

जार का शासन त्यागना

दूसरी ओर ड्यूमा ने विसर्जित होने से मना कर दिया। उसका पेट्रोग्रेड सोवियत के समझौता हो गया, जिसके आधार पर 14 मार्च 1917 ई. को उदारवादी नेता जार्ज स्लाव की अध्यक्षता में एक सामाजिक सरकार की स्थापना की गई। उसने 14 मार्च को जार से शासन का परित्याग करने की मांग की। परिस्थिति से बाध्य होकर उसने उनकी मांग को स्वीकार कर शासन से त्यागपत्र दे दिया। इस प्रकार रूस में जारशाही का अंत हुआ। क्रांति में मजदूरों को सफलता प्राप्त हुई, किन्तु उन्होंने शासन की बागडोर को अपने हाथ में रखना उचित न समझ, समस्त शक्ति मध्य वर्ग के हाथ में सौंप दी।

रूसी क्रान्ति का संक्षिप्त काल-क्रम

===तिथियाँ --घटनाएँ===

1855 -- ज़ार अलेक्जेंडर द्वितीय के शासन का आरंभ

1861 -- कृषि-दासों की मुक्ति

1874-81 - सरकार-विरोधी आतंकवादी आंदोलन का विकास और सरकारी प्रतिक्रिया

1881 -- क्रांतिकारियों द्वारा अलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या और अलेक्जेंडर तृतीय द्वारा उत्तराधिकार ग्रहण

1883 -- प्रथम रूसी मार्क्सवादी समूह का गठन

1894 -- निकोलस द्वितीय के शासन का आरंभ

1898 -- रूसी सामाजिक प्रजातांत्रिक मजदूर दल का पहला सम्मेलन

1900 -- समाजवादी क्रांतिकारी दल की स्थापना

1903 -- रूसी सामाजिक प्रजातांत्रिक मजदूर दल का द्वितीय सम्मेलन ; बोल्शेविकों और मेन्शेविकों के मध्य विभाजन का आरम्भ

1904-05 - रूस-जापान युद्ध ; रूस की पराजय

1905 -- 1905 की रूसी क्रांति

जनवरी - सेंट पीटर्सबर्ग में रक्तिम रविवार

जून - काला सागर स्थित ओडेस्सा पर युद्धपोत पोतेमिकन की चढ़ार्इ

अक्टूबर - आम हड़ताल, सेंट पीटर्सबर्ग सोवियत का गठन, अक्टूबर घोषणा पत्र, राष्ट्रीय संसद (डयूमा) के चुनावों हेतु शाही समझौता

1906 -- प्रथम राष्ट्रीय संसद, प्रधानमंत्री स्टालिपिन (Petr Stolypin), कृषि सुधारों का आरम्भ

1907 -- तृतीय राष्ट्रीय संसद, 1912 तक

1911 -- स्टालिपिन की हत्या

1912 - चतुर्थ राष्ट्रीय संसद, 1917 तक। बोल्शेविक-मेन्शेविक विभाजन पूर्ण

1914 - जर्मनी की रूस के विरुद्ध युद्ध की घोषणा।

1915 - गंभीर पराजयों का सिलसिला, निकोलस द्वितीय द्वारा स्वयं को मुख्य सेनापति घोषित करना, प्रगतिशील गुट का गठन

1916 - अनाज और ईंधन की कमी और मूल्यों में वृद्धि

1917 - हड़तालें, विद्रोह, सड़कों पर प्रदर्शन तथा इसके कारण तानाशाही का पतन

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