ठोसों का आयतन निश्चित क्यों होता है?
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उत्तर. ठोसों में अवयवीकण प्रबल अंतराणुविक बलों द्वारा एक दुसरे के निकट आते है जबकि उष्मीय ऊर्जा अवयवी कणों को दूर ले जाने का प्रयास करती है लेकिन निम्न ताप पर ऊष्मीय ऊर्जा निम्न होती है। अत: अवयवी कण अधिक निकट आ जाते है तथा एक दुसरे के साथ अनुलग्नित हो जाते है। इसलिए अत्यधिक दाब लगाने पर भी इनका आयतन परिवर्तित नहीं होता , अत: आयतन निश्चित होता है।
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ठोसों में अवयवीकण प्रबल अंतराणुविक बलों द्वारा एक दुसरे के निकट आते है जबकि उष्मीय ऊर्जा अवयवी कणों को दूर ले जाने का प्रयास करती है लेकिन निम्न ताप पर ऊष्मीय ऊर्जा निम्न होती है। अत: अवयवी कण अधिक निकट आ जाते है तथा एक दुसरे के साथ अनुलग्नित हो जाते है। इसलिए अत्यधिक दाब लगाने पर भी इनका आयतन परिवर्तित नहीं होता , अत: आयतन निश्चित होता है।
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