ठोस के द्रव अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है प्रयोग द्वारा समझाइए
plz question ka sahi answer dijiya
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ऊष्मा के द्वारा प्रदत्त की गई ऊर्जा कणों के बीच के आकर्षण बल को पार कर लेती हैं। इस कारण कण अपने नियत स्थान को छोड़कर अधिक स्वतन्त्र होकर गति करने लगते हैं। एक अवस्था ऐसी आती है, जब ठोस पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो जाता है। गलनांक-जिस तापमान पर ठोस पिघलकर द्रव बन जाता हैं।
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